9 साल से कर रहे रिसर्च, चूहों पर किया शोध
जानकारी के अनुसार डॉ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के जूलॉजी विभाग में सिल्डेनाफिल नामक केमिकल पर शोध किया गया है, इस शोध में पता चला है कि ये कैंसर को बढऩे से रोक सकता है, बताया जा रहा है कि इस विभाग के शोधकर्ता करीब 2013 से रिसर्च कर रहे हैं, करीब 9 साल तक रिसर्च करने के बाद चूहों पर किए गए ट्रायल से ये बात सामने आई है कि कैंसर को रोकने में भी ये केमिकल फायदेमंद है।
शराब और फफूंद वाले खाने से रहती है आशंका
बताया जा रहा है कि कैंसर की आशंका सबसे अधिक शराब का सेवन और फफूंद लगे भोजन को करने से रहती है, इस संबंध में रिसर्च में शामिल प्रोफेसर ने भी बताया कि संसार में करीब 6 लाख मौतें कैंसर के कारण होती है, उन्होंने बताया कि लोग अक्सर रात का बचा खाना दिन में खाते हैं या लंबे समय तक गोदामों में रखे अनाज का सेवन करते हैं, चूंकि फफूंद लिवर कैंसर का कारण बन सकती है, इस शोध में डॉ. राजकुमार कोईरी के नेतृत्व में डॉ. सौरभ कुमार छोंडकर, डॉ. दिव्या रावत, निधि गुप्ता और विनोदिनी दुबे आदि ने शोध किया है।
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इस केमिकल से काम करने लगी एंटी कैंसर दवाएं
पुरुषों के गुप्त रोगों में काम आने वाली दवाओं में उपयोग होने वाले केमिकल सिल्डेनाफिल का चूहों पर उपयोग करके रिसर्च किया गया, जिसमें पता चला कि इस केमिकल का उपयोग करने से पता चला कि एंटी-कैंसर दवाओं ने ट्यूमर कोशिकाओं में रूककर अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया।