scriptmp election 2018 : सागर जिले की इन वीआईपी सीटों पर महज औपचारिकता है प्रत्याशी चयन | candidate in rehli and khurai vidhansabha | Patrika News

mp election 2018 : सागर जिले की इन वीआईपी सीटों पर महज औपचारिकता है प्रत्याशी चयन

locationसागरPublished: Sep 06, 2018 02:43:24 am

Submitted by:

govind agnihotri

रहली में कांग्रेस को मजबूत चेहरे की तलाश

candidate in rehli and khurai vidhansabha

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शशिकांत ढिमोले, अभिलाष तिवारी, पंकज शर्मा। सागर. रहली व खुरई क्षेत्र में भाजपा को प्रत्याशी चयन के लिए ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। इसी तरह खुरई में कांग्रेस को प्रत्याशी के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी है जबकि रहली विस में कांग्रेस को दमदार चेहरे की तलाश है। खुरई क्षेत्र से कांग्रेस से पूर्व विधायक अरुणोदय चौबे और भाजपा वर्तमान विधायक एवं गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह के अलावा कोई दूसरा नाम नहीं है। रहली विस से भाजपा के गोपाल भार्गव एक मात्र दावेदार हैं। कांग्रेस को भार्गव का मुकाबला करने के लिए दमदार चेहरे की तलाश है। हालांकि इस क्षेत्र में ओबीसी फ्रंट की गतिविधियों को लेकर मतों का धु्रवीकरण की संभावना को लेकर कांग्रेस किसी युवा चेहरे पर दांव लगा सकती है।

खुरई: चौबे-सिंह में होगी चुनावी फाइट
खु रई क्षेत्र में पिछले दफा भूपेंद्र सिंह ने कांग्रेस के अरुणादय चौबे को पराजित किया था। पिछले दिनों सागर आई कांग्रेस की समन्वय समिति के समक्ष महज अरुणोदय चौबे ने ही दावेदारी प्रस्तुत की है। इधर, भारतीय जनता पार्टी की तरफ से एक ही नाम गृह एवं परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह का लिया जा रहा है।

2013 में वोट
भूपेंद्र सिंह भाजपा-62127
अरुणादय चौबे कांग्रेस- 56043

ये हैं प्रमुख मुद्दे- कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना, रोजगार के अवसर, स्वास्थ्य सुविधाएं।

मजबूत दावेदार
भूपेंद्र सिंह भाजपा- वर्तमान विधायक व संगठन में मजबूत पकड़। सिंह के अलावा क्षेत्र में कोई दूसरा दावेदार नहीं। दो बार सुरखी विधायक व एक बार सांसद रहे। क्षेत्र में किए गए अरबों के विकास कार्य।
अरुणोदय चौबे कांग्रेस- वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक। चौबे के अलावा क्षेत्र में कोई दूसरा दावेदार नहीं। ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी पकड़। किसानों की समस्याओं को उठाया। अकेले दावेदार होने से पार्टी में नहीं गुटबाजी।

जातिगत समीकरण- क्षेत्र में जातिगत समीकरण चुनाव में खासा असर डालते हैं। यहां जैन, यादव, दांगी ठाकुर के अलावा एससी वर्ग के मतदाता प्रत्याशी की हार जीत तय करते हैं।

चुनौतियां
भाजपा- विकास कार्यों को मतदाता तक स्थापित करना।
कांग्रेस- पार्टी से ज्यादा प्रत्याशी को अपने ही बलबूते पर चुनाव का सामना करना पड़ सकता है।

विधायक की परफॉर्मेंस
क्षेत्र में अरबों रुपए के विकास कार्य किए गए। बीना नदी परियोजना किसानों के लिए बड़ी सौगात, क्षेत्र में लगातार सक्रियता।

रहली : भार्गव के मुकाबले फिलहाल नहीं कोई
भाजपा के गोपाल भार्गव सात बार से लगातार विधायक चुने जा रहे हैं। भार्गव का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस के पास अब तक कोई चेहरा एेसा नहीं आया है जो उन्हें सीधी और कड़ी टक्कर दे सके। इस बारे में भार्गव खुले मंच से पहले ही ललकार चुके हैं। हालांकि युवा महिला नेत्री ज्योति पटेल क्षेत्र में काफी तेजी से आगे बढ़ रही हैं।

2013 में वोट
गोपाल भार्गव भाजपा- 101899
बृजबिहारी पटैरिया कांग्रेस- 50134
ये हैं प्रमुख मुद्दे- बेरोजगारी, ग्रामीण अंचलों में पेयजल की व्यवस्था, क्षेत्र में कई पर्यटन स्थलों का विकास

मजबूत दावेदार
गोपाल भार्गव भाजपा- लगातार सात बार से विधायक। भार्गव के अलावा क्षेत्र में कोई दूसरा दावेदार नहीं। क्षेत्र में मजबूत पकड़। अपनी दम पर चुनाव जीतने में माहिर, चुनावी रणनीति के कुशल प्रबंधक, युवाओं में गहरी पैठ।

कांग्रेस
ज्योति पटेल- जिपं सदस्य व युवा चेहरा।
जीवन पटेल- पूर्व परिवहन निगम अध्यक्ष, क्षेत्र में सक्रिय
सौरभ हजारी- युवा नेता व पारिवारिक राजनैतिक पृष्ठभूमि
इनके भी नाम चर्चा में- कमलेश साहू, महेंद्र सिंह, अंकेश हजारी समेत अन्य दावेदार।

जातिगत समीकरण- हार्दिक पटेल के नेतृत्व में ओबीसी फ्रंट की प्रदेश की पहली सभा गढ़ाकोटा में आयोजित हुई, कुर्मी-पटेल वर्ग के मतों का ध्रुवीकरण।

चुनौतियां
भाजपा- एक लाख मत से जीतने के दावा बड़ी चुनौती
कांग्रेस- भाजपा का गढ़ भेदना और ओबीसी वोट को साधे रहना।
विधायक की परफॉर्मेंस- क्षेत्र में सक्रियता, हर व्यक्ति तक व्यक्तिगत पहुंच, समूचे क्षेत्र में विकास योजनाएं मंजूर।

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