इसीलिए जैन समाज ने भरी थी हुंकार
देश भर में जैन समाज से जुड़े नेताओं को प्रमुख राजनैतिक दलों द्वारा टिकट वितरण में नजरंदाज किया गया था। सागर से भी ४ नेताओं द्वारा दावेदारी करने के बाद भी भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दी थी। इसमें कुछ बड़े नाम को भी दरकिनार किया गया था। इसके बाद साागर लोकसभा में जैन समाज का एक आंदोलन देखने मिलता है। जैन समाज ने 22 अप्रैल को एक पत्रकार वार्ता में अपने प्रत्याशी की घोषणा की थी और राजनीतिक दलों द्वारा समाज के किसी भी व्यक्ति को टिकट न दिए जाने पर आक्रोश जताया था। जैन समाज का सबसे ज्यादा आक्रोश भाजपा को लेकर था जिसमें समाज के पदाधिकारियों ने कहा था कि उनके समाज की टिकट वितरण में उपेक्षा की गई है जिसके कारण अब वह लोकसभा चुनाव में अपना प्रत्याशी उतार रहे हैं।
नामांकन जमा करने के बाद मचा हड़कंप
नाम निर्देशन पत्र जमा करने के बाद समाज की एक बार फिर से बैठक हुई और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह, विधायक शैलेंद्र जैन समेत अन्य लोगों की उपस्थिति में यह निर्णय हुआ कि मुकेश जैन ढाना का फॉर्म वापस ले लिया जाए। मुकेश जैन ढाना ने समाज और भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों द्वारा लिए गए निर्णय के बाद अपना नाम निर्देशन पत्र तो वापस ले लिया लेकिन उनका कहना है कि समाज के कुछ कतिपय नेताओं ने इस मामले में पूरा मैनेजमेंट किया है जिसका उन्हें दुख है। वहीं पूर्व मंत्री का कहना है कि मुकेश उनके पुराने साथी हैं और भाजपा के लिए लंबे समय से काम कर रहे हैं।
यहां से भाजपा को आया समझ
नामांकन रैली में जैन समाज के जोश के अलावा सोशल पर संकल्प लेने जैसी बातें जमकर शेयर हो रही थीं, जबकि मुकेश जैन द्वारा चुनाव जीतने के बाद मोदी को समर्थन देने की बात कहकर अन्य समाज के मतदाताओं को अपने पक्ष में लेने क प्रयास किया था। इस बयान ने बीजेपी को झटका देने का काम किया था। एक सप्ताह से चले रहे इस राजनैतिक उठापठक पर शुक्रवार को आखिरकार विराम लग गया है। इसे भांपने के बाद पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने मामले को मैनेज किया और मुकेश जैन का नामांकन वापस करा लिया। मुकेश जैन ढाना उमा भारती गुट के नेता माने जाते है। इस पूरे घटनाक्रम से सागर जैन समाज के लोग जरूर आहत हो सकते है।