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सावधान! चाट और फुल्की में मिलाया जा रहा कपड़े रंगने वाला कलर

locationसागरPublished: Mar 07, 2020 11:18:54 am

चाट ठेलों पर की सैंपलिंग की कार्रवाई, फूड सेफ्टी प्रयोगशाला बेन में जांच के दौरान पाई हकीकत।

सावधान....। चाट-फुल्की में मिलाए जा रहे मटर में कपड़े रंग का मिलाया जा रहा कलर

सावधान….। चाट-फुल्की में मिलाए जा रहे मटर में कपड़े रंग का मिलाया जा रहा कलर

सागर. यदि आप चाट-फुल्की का सेवन नियमित रूप से करते हैं तो आपको सावधान होना जरूरी है। एेसा इसलिए क्योंकि चाट और फुल्की में जो रंग इस्तमाल किया जा रहा है। वह खाने वाला रंग नहीं बल्कि कपड़े रंगने वाला रंग है। इससे आपको कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी तक हो सकती है। यह चौकाने वाली बात शुक्रवार को कटरा एवं नमक मंडी में संचालित चाट ठेलों पर की गई सैंपलिंग की कार्रवाई के दौरान सामने आई है।


जिला प्रशासन एवं खाद्य एवं औषधी प्रशासन की टीम एक-एक कर २० से ज्यादा चाट ठेलों से मटर के सैंपल लिए और फूड एंड सेफ्टी वाली प्रयोगशाला बेन से इनकी जांच कराई। जांच में सभी जगहों से एकत्र किए गए मटर में कपड़े रंगने वाला कलर मिला हुआ पाया। पूछताछ के दौरान सभी ने रंग के जहरीले होने की बात पता न होना बताया और कटरा स्थित बिलैया मेहदी से रंग खरीदना बताया। टीम ने सभी चाट ठेलों से जहरीले मटर को जब्त कर उन्हें नष्ट कराया। साथ ही पंचनामे की कार्रवाई की। दल में मौजूद अधिकारियों ने सभी को अंतिम चेतावनी दी और दोबारा यह रंग मिलाते हुए पाए जाने पर वैधानिक कार्रवाई की बात कही।

 

-बिलैया मेंहदी से १२ पैकेट किए जब्त
चाट ठेला वालों द्वारा दिए बयान के बाद दल ने कटरा स्थित बिलैया मेंहदी पर छापेमार कार्रवाई की। यहां मटर में मिलाए जाने वाले रंग के महज १२ पैकेट ही टीम को मिले। दल ने पैकेट देखते ही उसे कपड़े रंगने वाला कलर बताया और उसे जब्त कर लिया। नायब तहसीलदार अजेंद्रनाथ प्रजापति ने बताया कि यह गाय छाप ब्रांड है, जो बिलैया वालों का खुद का ब्रांड है। इसे जानबूझकर चाट ठेले वालों को बेचा जा रहा है। चाट ठेले वाले भी जानकारी के अभाव में धड़ल्ले से इसका उपयोग मटर में कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पूर्व में जांच के दौरान यह बात सामने आ चुकी है कि इस रंग के खाने में इस्तमाल से लोगों को कैंसर की बीमारी हो सकती है।

 

-वर्षों से मिला रहे यही रंग, जिम्मेदार अब जागे
जाट ठेले वालों ने दल को बताया कि वह इस रंग का इस्तमाल काफी समय से कर रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं थी। बता दें कि त्योहारों पर हर साल इस तरह की कार्रवाई होती रहीं है, लेकिन इस बार जो कार्रवाई हुई हैं। उनमें चौकाने वाले मामले सामने आए हैं। फालूदा, आस्क्रीम और शेक में टॉयलेट का पानी उपयोग किए जाने का मामला सामने आने के बाद अब इस मामले में लोगों को हैरान कर दिया है। निश्चित रूप से लोग खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।

-नायब तहसीलदार अजेंद्रनाथ प्रजापति से सीधी बात

 

सवाल-बिलैया मेंहदी में कपड़े रंगने वाले पैकेट मिले हैं?
जवाब- जी हां। १२ पैकेट जब्त भी किए हैं।

सवाल-इस रंग को चाट और फुल्की में मिलाया जा रहा था?
जवाब- जी हां।

सवाल-फर्म को सील क्यों नहीं किया गया?
जवाब- लीगली तरीके से फर्म को तुरंत सील करना सही नहीं है। कपड़े रंगने वाला कलर बताकर बेचना बता रहा है।

सवाल-फिर रंग के पैकेट क्यों जब्त किए गए?
जवाब- रंग में मिलावट की जांच के लिए सैंपल लिए गए हैं।

सवाल- कार्रवाई क्या की गई है?
जवाब- इस मामले में पंचनामे की कार्रवाई की गई है और रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को दी जाएगी। फर्म संचालक को अंतिम चेतावनी दी है।

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