…तो नहीं बुझता इकलौता चिराग
यहां एक परिजन ने देवर्ष से जुड़ी एक बात पुलिस से सांझा की। एक रिश्तेदार ने बताया कि देवर्ष रीवा के सैनिक स्कूल में पढ़ता था। 8वीं में उसके 80 फीसदी अंक आए थे। लेकिन कक्षा 11वीं में उसका रिजल्ट 49 फीसदी था। इस वजह से उसे सैनिक स्कूल से निकाल दिया गया। इससे वह बुरी तरह टूट चुका था, लेकिन परिवारवालों ने उसे जैसे-तैसे समझाया और कक्षा १२वीं की परीक्षा दिलाई। देवर्ष ने अपनी वापसी भी बेहतर तरीके से की और केंद्रीय विवि में दाखिला पाया था। यदि रिश्तेदार की बात सच मान ली जाए तो ढाई साल बाद फिर देवर्ष उसी दोराहे पर खड़ा था, जहां पहले वह डिप्रेशन में चला गया था। फंदा लगाकर खुदकुशी करने के पीछे यह कारण हो सकता है।
विवि और बीएमसी में रहा पुलिस का पहरा, 300 छात्रों पर केस
छात्रों के आंदोलन की सुगबुगाहट को लेकर टोह लेते रहे अधिकारी
सागर. बीएमसी में उत्पात मचाने और पुलिस पर पथराव करने वाले करीब 300 विद्यार्थियों पर पुलिस ने देर रात अपराध दर्ज कर लिया है। पुलिस पत्थरबाजी करने वाले उत्पातियों की पहचान कर रही है। शुक्रवार रात से शनिवार रात तक भारी पुलिस बल तैनात रहा। अधिकारी भी बीएमसी और विवि की स्थिति का जायजा लेते रहे। शनिवार को शहर के बड़ा बाजार छात्र संघ के पदाधिकारियों व विद्यार्थियों से मुलाकात के बाद पुलिस अलर्ट हो गई है। शुक्रवार को छात्र अतुल सोनी की शिकायत पर पुलिस ने ग्रीष्मराज पांडे, मुनींद्र, आदित्य, राजेश कोरी, पुष्पेन्द्र सिंह और प्रवीण प्रकाश कुरेचिया पर मारपीट, बलवा का केस दर्ज कर लिया थी। छात्र वैभव यादव को शनिवार को कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया गया। बड़ा बाजार छात्र संघ के संरक्षक नरेन्द्र चौबे ने शनिवार को विवि के छात्रों से मुलाकात कर पुलिस द्वारा बेरहमी से की गई पिटाई के मामले को गृहमंत्री के सामने उठाकर जांच की मांग का आश्वासन दिया है।