scriptMP में बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज सहित 13 मेडिकल कॉलेजों की केंद्रीय लैब निजी हाथों में, अब जांच पर भी पड़ेगी महंगाई की मार | Central labs of 13 medical colleges now in private hands at MP | Patrika News

MP में बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज सहित 13 मेडिकल कॉलेजों की केंद्रीय लैब निजी हाथों में, अब जांच पर भी पड़ेगी महंगाई की मार

locationसागरPublished: Jul 28, 2022 06:25:05 pm

– निजी हाथों में जाने पर ठेका एजेंसी को कहीं से भी जांच कराकर देने की होगी बाध्यता

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सागर@आकाश तिवारी

MP के 13 मेडिकल कॉलेज समेत बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज की केंद्रीय लैब जल्द ही निजी हाथों में जाने वाली है। राज्य सरकार ने 13 मेडिकल कॉलेजों की केंद्रीय लैब का निजीकरण करने का निर्णय लिया है। इसके टेंडर खुल चुके हैं। सरकार इसे मरीजों के फायदे के रूप में देख रही है।

मसलन जो मंहगी जांच अभी नहीं हो रही हैं, लैब के निजी हाथों में जाने पर संबंधित कंपनी को कहीं से भी कराकर देने की बाध्यता होगी। बताते हैं, नई व्यवस्था से शासन पर ज्यादा भार पड़ेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि कंपनी मरीजों की जांच शुल्क में बढ़ोतरी करेगी।

मशीनों को करेगी टेकओवर
अभी बुंदेलखंड की लैब में करीब सभी तरह की जांच करने वली मशीनें हैं। निजी हाथों में जाने के बाद कंपनी लैब की मशीनों को टेकओवर करेगी। बता दें कि जिला अस्पताल की केंद्रीय लैब करीब डेढ़ साल पहले निजी हाथों में चली गई थी।

ट्रेनिंग करने वालों को कर सकती है मना
बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में पैरामेडिकल कोर्स चल रहे हैं। यहां स्टूडेंट्स व पीजी छात्र लैब में मशीनों से ट्रेनिंग ले रहे हैं। निजी हाथों में जाने के बाद कंपनी मशीनें खराब होने के डर से इन्हें प्रशिक्षण देने से मना कर सकती है।
यहां होगी व्यवस्था: भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, विदिशा, शहडोल, सागर, छिंदवाड़ा, खंडवा, शिवपुरी, दतिया, रतलाम।

केंद्रीय लैब का निजीकरण होने जा रहा है। हमारे डॉक्टर व स्टाफ जांच करेंगे। अन्य चीजें कंपनी की होंगी।
– डॉ. अमर गंगवानी, प्रभारी केंद्रीय लैब, सागर

यह है फायदा

: री-एजेंट खरीदने का झंझट नहीं रहेगा।

: मशीनों के रखरखाव की चिंता नहीं करनी होगी।

: मशीन खरीदी की जिम्मेदारी कंपनी की होगी।

: बड़ी जांचें कंपनी द्वारा कराई जाएगी।

यह है नुकसान

: प्रति टेस्ट कीमत बढ़ेगी।

: टेंडर कॉस्ट वाइस होगा।

: री-एजेंट भी कंपनी अपने हिसाब से खरीदेगी।

: जांच शुल्क बढऩे से शासन को भारी भरकम राशि कंपनी को अदा करनी होगी।

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