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करोड़ों में बिकने लगे दो कौड़ी के लोग कविता पर लगे ठहाके

locationसागरPublished: Sep 16, 2018 05:09:08 pm

Submitted by:

manish Dubesy

विवि के हिंदी विभाग में पुस्तक विमोचन और कवि सम्मेलन का आयोजन

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सागर. डॉ. हरिसिंह विवि द्वारा मनाए जा रहे हिंदी पखवाड़े के तहत आयोजित पुस्तक विमोचन एवं कवि सम्मेलन का आयोजन हिंदी विभाग में किया गया।
शहर के शायर अशोक मिजाज द्वारा गजल संग्रह अशोक मिजाज की चुनिंदा गजलों का विमोचन राजभाषा अधिकारी डॉ. छबिल कुमार मेहेर एवं हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. आनंद प्रकाश त्रिपाठी द्वारा किया गया। कवि सम्मलेन की शुरुआत में विवि की अंजलि चौरसिया और रामकरण राघव की रचनाओं के साथ हुई। विवि कर्मचारी संवर्ग के अकबर सागरी ने अपनी गजलें एवं विवि के चिकित्सा अधिकारी डॉ. अभिषेक जैन ने नज्म द्वारा श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। संस्कृत विभाग के रामहेत गौतम, डॉ. कुसुम सुरभि, दीपा भट्ट, जयंती सिंह मोहनी ने कविताएं सुनाई। निरंजना जैन नेकविता कठपुतलियों के शहर में तो डॉ. अनिल जैन ने नदियां आज कल सहित कविताओं का पाठ किया। डा. चंचला दबे, डॉ. महेश तिवारी, ऋषभ समैया, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. श्याम मनोहर सिरोठिया, डा. गजाधर सागर ने अपनी रचनाएं सुनाई। निर्मल चंद निर्मल ने लोक तंत्र में आ गया राजनीतिक का उद्योग, करोड़ों में बिकने लगे लो कौड़ी के लोग जैसी रचनाओं का पाठ किया। अध्यक्षता कर रहे महेश कटारे ने भी रचनाओं का पाठ किया। संचालन अभिषेक सक्सेना ने किया। आभार डॉ. राजेंद्र यादव ने माना। कार्यक्रम में डॉ. विवेकानंद उपाध्याय, डॉ. आशुतोष, डॉ. अफरोज बेगम, डॉ. हिमांशु, डॉ. अरविंद, डॉ. मनीष, डॉ. संजय यादव, डॉ. नौनिहाल गौतम, , डॉ. संय शर्मा, डॉ. विवेक जायसवाल, पीआर मलैया, डॉ. रामरतन पांडेय, डॉ. लक्ष्मी पांडेय, विनोद रजक, धनीराम सोनी सहित विभाग के छात्र-छात्राएं व कर्मचारी उपस्थित थे। करोड़ों में बिकने लगे दो कौड़ी के लोग कविता पर लगे ठहाके के साथ कई शायर और कवियों ने हिंदी में काव्य पाठ कर लोगों को हिंदी की बारीकिया बताईंष साथ ही बताया कि हिंदी के बिना हमारा कोई अस्तित्व नहीं है इस बात का हम सबको ध्यान रखना चाहिए। जरूरी यह भी है कि हम अपने बच्चों को अच्छी हिंदी सिखाएं।

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