लोकायुक्त टीम ने बताया कि आवेदक शैलेंद्र रैकवार की शिकायत पर ये कार्रवाई की गई. आवेदक शैलेंद्र के खिलाफ बिजली चोरी का मामला नहीं बनाने के लिए उससे 80 हजार रुपए की रिश्वत मांगी गई थी. पहले शैलेंद्र ने मना कर दिया पर बाद में तैयार हो गया और लोकायुक्त को शिकायत कर दी. योजना के अनुसार सोमवार को आवेदक शैलेंद्र 80 हजार रुपए लेकर कंपनी के कार्यालय में मुख्य अभियंता रिंकू मैना के पास पहुंचा। शैलेंद्र ने 80 हजार रुपए रिंकू मैना को दे दिए तो उन्होंने अपने अधीनस्थों को रुपए गिनने को दिए। इसी बीच पास ही खड़ी लोकायुक्त की टीम यहां आ गई और चीफ इंजीनियर सहित तीनों कर्मचारियों को नोटों के साथ रंगे हाथों पकड़ लिया।
सागर लोकायुक्त पुलिस के उपुअ राजेश खेड़े, निरीक्षक केपी एस बेन और उनके स्टाफ ने ये कार्यवाई की. लोकायुक्त पुलिस ने पूरा मामला बताया. इसके अनुसार शैलेंद्र रैकवार की दोना फैक्ट्री चल रही है जिसमें बिजली अफसरों ने बिना मीटर की बिजली का उपयोग होते हुए पकड़ा था। अधिकारी बिजली चोरी का मामला बनाने लगे तो शैलेंद्र रैकवार ने केस न बनाने का आग्रह किया। इस पर चोरी का केस न बनाने तथा स्थायी मीटर लगवाने के बदले में मुख्य अभियंता रिंकू मैना, टेस्टिंग सहायक प्रवीण कुमार तिवारी व लाइन परिचालक घनश्यामदास दुबे ने उससे 80 हजार रुपए मांगे। ना—नुकुर के बाद शैलेंद्र तैयार हो गया। बात पक्की हो जाने पर शैलेंद्र सागर लोकायुक्त के पास पहुंचा और तीनों के खिलाफ शिकायत की थी।