हमें जीवन को अर्थ देने वाली सच्चाई, सुंदरता और स्वतंत्रता को पुनर्जीवित करना होगा और हमारी पुरानी पीढ़ी के प्रति जिन्होंने इन स्तंभों पर इस समाज को खड़ा किया, के लिए एक ताजा रवैया/नजरिया अपनाना होगा।
-पं. जवाहरलाल नेहरू
-पं. जवाहरलाल नेहरू
…तो ऐसे पूरा होगा पंडित नेहरू का सपना
बाल शिक्षा, कल्याण, अधिकार के लिए जरूरी है कि बच्चों के लिए समय-समय पर सही सीख मिलती रहे। बाल मन में ही जितनी अच्छी बातें बताई जाएं, उसी के अनुसार बच्चों का जीवन बनता है। शिक्षकों के अलावा बच्चों के माता-पिता व अन्य परिवारजनों को चाहिए कि वे बच्चों को आगे बढऩे के लिए सीख देते रहें। उन्हें उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में बताएं। जिससे बचपन में ही उनके जीवन की पक्की नींव ढाली जा सके। ऐसा होने पर ही चाचा नेहरू का सपना पूरा हो सकेगा।
बाल शिक्षा, कल्याण, अधिकार के लिए जरूरी है कि बच्चों के लिए समय-समय पर सही सीख मिलती रहे। बाल मन में ही जितनी अच्छी बातें बताई जाएं, उसी के अनुसार बच्चों का जीवन बनता है। शिक्षकों के अलावा बच्चों के माता-पिता व अन्य परिवारजनों को चाहिए कि वे बच्चों को आगे बढऩे के लिए सीख देते रहें। उन्हें उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में बताएं। जिससे बचपन में ही उनके जीवन की पक्की नींव ढाली जा सके। ऐसा होने पर ही चाचा नेहरू का सपना पूरा हो सकेगा।
वर्ष 1953 में दुनियाभर में मान्यता मिली थी
भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। वे बच्चों से बेहद स्नेह करते थे। इसीलिए इस दिन बच्चों के अधिकार, देखभाल और शिक्षा के बारे में लोगों को जागरूक किया जाता है। बाल दिवस को वर्ष1953 में दुनियाभर में मान्यता मिली थी। यूएन ने 20 नवंबर के दिन बाल दिवस मनाने की घोषणा की थी। कुछ देशों में यह 20 नवंबर व अन्य देशों में अलग-अलग तारीखों पर मनाया जाता है।
भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। वे बच्चों से बेहद स्नेह करते थे। इसीलिए इस दिन बच्चों के अधिकार, देखभाल और शिक्षा के बारे में लोगों को जागरूक किया जाता है। बाल दिवस को वर्ष1953 में दुनियाभर में मान्यता मिली थी। यूएन ने 20 नवंबर के दिन बाल दिवस मनाने की घोषणा की थी। कुछ देशों में यह 20 नवंबर व अन्य देशों में अलग-अलग तारीखों पर मनाया जाता है।
आज बच्चों से ये लें पांच प्रॉमिस
01. मोबाइल का कम से कम उपयोग करेंगे।
02. कार्टून व गेम्स में दिनभर नहीं बिताएंगे।
03. माता-पिता से कभी कोई बात नहीं छिपाएंगे।
04. खेल के साथ ही पढ़ाई पर पूरा ध्यान देंगे।
05. अनजान लोगों पर कभी भरोसा नहीं करेंगे।
01. मोबाइल का कम से कम उपयोग करेंगे।
02. कार्टून व गेम्स में दिनभर नहीं बिताएंगे।
03. माता-पिता से कभी कोई बात नहीं छिपाएंगे।
04. खेल के साथ ही पढ़ाई पर पूरा ध्यान देंगे।
05. अनजान लोगों पर कभी भरोसा नहीं करेंगे।