जिला अभियोजन के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा ने बताया कि वर्ष 2011 में राहतगढ़ निवासी मोहम्मद हारून ने शिकायत करते हुए बताया कि गुना के घोषीपुरा स्थित भोगीराम कॉलोनी निवासी लक्ष्मीनाराण नामदेव उनका परिचित है। वह खुद को बीड़ी श्रमिकों का नेता बताता है। 31 दिसंबर 2011 को लक्ष्मीनारायण ने हारून से संपर्क कर बताया कि जी लाइफ डेवलपर्स एंड कॉलोनाईजर्स प्राइवेट लिमिटेड और उसकी सहयोगी कंपनी कनवे रियलिटी सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारी गिर्राज पुत्र अनंदीलाल पांडे निवासी पचौर, सपन सक्सेना निवासी प्रताप छात्रावास के पास गुना, दीपक पिता राधेश्याम शर्मा निवासी सारंगपुर, टीम लीडर अरविंद ने उसे कंपनी में डायरेक्टर नियुक्त किया है।
5 साल में राशि डेढ़ गुना होने का बोला
कंपनी में कोई व्यक्ति 500 रुपए प्रतिमाह 5 साल तक जमा करता है तो उसे 5 साल बाद डेढ़ गुना राशि मिलेगी। आरोपी ने त्रि-वार्षिक व वार्षिक जमा राशि पॉलिसी बताकर उन्हें जाल में फंसाया। लालच में आकर हारून ने उसकी कंपनी में रुपए जमा करना शुरू कर दिया। ऐसे ही कई और लोग भी शामिल थे।
चेक दिए, लेकिन खाते में नहीं थे रुपए
हारून ने शिकायत में बताया कि जब पॉलिसी के मैच्योर हुई तो उसने व अन्य लोगों ने कंपनी के डायरेक्टर लक्ष्मीनारायण व टीम लीडर से संपर्क किया। उन्होंने ओरिजिनल दस्तावेज व बैंक ऑफ इंडिया की चेक दे दिए। लोगों ने चेक बैंक में लगाए तो वे बाउंस हो गए। इसके बाद फरियादी गुना गए तो वहां कार्यालय बंद हो चुका था। राहतगढ़ पुलिस ने शिकायत के बाद 5 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मामला पंजीबद्ध किया।