सागर

छलनी कर दिया जमीन का सीना, गर्त में पहुंचा पानी, कलेक्टर ने जारी किए निर्देश

150 मीटर पाइप डालने पर भी नहीं मिल रहा पानी, जल स्तर गिरने पर कलेक्टर ने नलकूप खनन पर लगाया प्रतिबंधनगरीय क्षेत्रों को छोडकऱ ग्रामीण अंचलों में ज्यादा गहराया जल संकट

सागरApr 13, 2024 / 10:27 pm

Murari Soni

छलनी कर दिया जमीन का सीना, गर्त में पहुंचा पानी, कलेक्टर ने जारी किए निर्देश

सागर. गर्मी का सीजन शुरू होते ही जिला जल अभाव ग्रस्त घोषित कर दिया गया है। नल जल योजना के ट्यूबवेल में 150 मीटर तक पाइप लाइन डालने के बाद भी पानी नहीं मिल रहा। ऐसे में कलेक्टर दीपक आर्य ने जिले में नलकूप खनन पर प्रतिबंध लगा दिया है।
जिले में नगरीय क्षेत्र छोडकऱ ग्रामीण अंचलों में ज्यादा दिक्कतें आ रहीं हैं। बंडा, शाहगढ़, देवरी, रहली, गढ़ाकोटा और राहतगढ़ के ग्रामीण अंचलों में लोग पानी के लिए परेशान हो रहे हैं। वहीं मकरोनिया और बंडा में नगरीय क्षेत्र के लोग भी पेयजल संकट से जूझ रहे हैं।
पेयजल संकट को देखते हुए कलेक्टर दीपक आर्य ने कहा कि 15 अप्रेल से 30 जून तक जिले में लकूप खनन करने पर प्रतिबंध लगाया है। जिले की सीमा क्षेत्र में नलकूप खनन मशीनें बिना अनुमति के न तो प्रवेश करेंगी और ना ही खनन कर पाएंगी। आदेश का उल्लंघन पर कार्रवाई की जाएगी। उपरोक्त आदेश शासकीय योजनाओं के अन्तर्गत किए जाने वाले नलकूप उत्खनन पर लागू नहीं होगा। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कार्य योजना अंतर्गत नलकूप खनन का कार्य कराया जा सकेगा।
राजस्व व पुलिस अधिकारियों को एफआईआर करने बोला-

कलेक्टर ने सभी राजस्व व पुलिस अधिकारियों से कहा है कि कहीं भी बिना अनुमति के बोरिंग मशीन खनन करते दिखे तो उसे जब्त कर एफआइआर दर्ज करें। कृषि, व्यवसायिक, औद्योगिक या निजी जल स्त्रोत के लिए अब 30 जून तक कोई बोरवेल न हो। यदि नल जल योजना जैसे शासकीय कार्य के लिए बोरवल की आवश्यकता पड़ती है तो निर्धारित प्रक्रिया के तहत नलकूप का खनन किया जाए।
जमीन छलनी करने की मची होड़-पीएचई के अधिकारियों की मानें तो गांव व नगरीय क्षेत्र में बोरवेल कर जमीन को छलनी किया जा रहा है। एक खेत से दूसरे खेत में कोई डेढ़ सौ मीटर तो दूसरा दो सौ मीटर बोरवेल करने होड़ कर रहा है। नगरीय क्षेत्र में प्लाटों मकानों में हर दिन बोरवेल होते हैं। साल दर साल बोरवेल की संख्या बढ़ रही है। जल स्तर लगातार नीचे जा रहा है।
जिले में जल संकट की स्थिति-

-देवरी नगर में नपा द्वारा किसी तरह पानी की पूर्ति हो रही है लेकिन आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में परेशानी है। यहां के सिलारी गांव के लोग पेयजल की समस्या पर चुनाव का बहिष्कार कर करने और अनशन की बात कह रहे हैं।
-राहतगढ़ नगर में बीना नदी नपा द्वारा नगर में सप्लाई हो रही है। लेकिन आसपास के गांव मड़दानपुर, बेरखेरी, सीहोरा में दिक्कतें आने लगी हैं। यहां जल स्तर 20-30 फीट नीचे चला गया है। हैंडपंप हवा दे रहे हैं। ट्यूबवेल में भी पानी नहीं आ रहा।
-बंडा नगर में 4-5 दिन छोडकऱ 5-6 किमी दूर स्थित बेबस नदी से पानी लाकर लोगों के घरों तक पहुंचाया जा रहा है। नगर में जल संकट तो है ही इसके अलावा पिपरिया, फतेहपुर, खजराभेड़ा, सौरई सहित दर्जनों गांव में जल संकट बना हुआ है।
-शाहगढ़, रहली, गढ़ाकोटा, सागर, जैसीनगर के दर्जनों गांव में कुआं सूख गए हैं। नल जल योजना के नलों से भी पानी नहीं मिल पा रहा है।

-मकरोनिया नगर में भी बोरवेल सूख रहे हैं, यहां नगर पालिका के 3 बोरवेल सूखने पर नपा प्रबंधन ने 3 वार्डों में जल सप्लाई की जिम्मेदारी टाटा एजेंसी को दे दी है। टाटा एजेंसी हर घर में नियमित पानी देने में असफल है। तमाम 18 वार्डों में नपा के और निजी टैंकर घूम रहे हैं।
-किसानों में बोरवेल की होड़ लगी है जिससे जल स्तर लगातार गिर रहा है। नल जल के ट्यूबवेल में 150-200 मीटर पाइप डालने पर भी पानी नहीं मिल रहा। ऐसे में क्षेत्र जल अभाव ग्रस्त घोषित किया गया है।
हेमंत कश्यप, ईई पीएचई सागर

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