चुनाव में किए जाते हैं बड़े-बड़े वादे
चुनाव के समय वोट मांगते समय इन गांव के विकास के लिए तमाम वादे किए जाते हैं लेकिन रिजल्ट आने के बाद इनकी सुध लेने कोई नहीं आता है।
सागरPublished: Sep 16, 2018 08:55:52 pm
anuj hazari
कई गांव में सामंजस्य की कमी से नहीं हो पा रहे काम
Constraints in development due to separation of constituency and tehsil
बीना. तहसील मुख्यालय से बीस किलोमीटर दूर खिमलासा व आसपास के गांव का विधानसभा क्षेत्र व तहसील अलग-अलग होने के कारण विकास में बाधाएं आ रही हैं। जिससे कई गांव सालों से विकास की राह देख रहे हैं। गौरतलब है कि ग्राम पंचायत खिमलासा, खड़ेसरा, नाऊखेड़ा, निवारी सहित कई अन्य पंचायतें बीना विधानसभा के अंतर्गत आती हैं, लेकिन उनकी तहसील खुरई होने के कारण सामंजस्य नहीं हो पा रहा है। जिस बजह से यहां के लोग मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित हैं। जबकि यहां के लोग मांग कर चुके हैं कि प्रशासनिक व राजनीति दृष्टि से दोनों को एक कर दिया जाए ताकि लोग सुविधाओं से वंचित न रहें और विकास कार्य भी न रुकें। वर्तमान में स्थिति यह है कि यदि विधायक किसी काम के लिए घोषणा करते हैं तो उसका प्रशासनिक कार्य खुरई से ही किया जाता है, लेकिन लगातार मॉनीटरिंग न होने कारण काम में देरी होती है, जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है।
नाऊखेड़ा पंचायत की हालत काफी खराब
गांव के लिए पहुंच मार्ग न होने के कारण लोग खुरई रोड स्थित पथरिया गांव से होकर जाते हैं जबकि खिमलासा से इस गांव जाने के लिए सीधा रास्ता है, लेकिन कच्चा रास्ता होने के कारण यहां पर पानी भरा रहता है, जहां से ग्रामीण निकल नहीं पाते हैं। वहीं इसी पंचायत के अंतर्गत आने वाले बमोरी गांव की स्थिति भी खराब हैं जहां बीच गांव में कीचड़ के कारण रास्ता नजर नहीं आता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि गांव की यह स्थिति इसलिए है, क्योंकि विधानसभा क्षेत्र बीना व तहसील खुरई है जिस बजह से दोनों तरफ से इस तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
चुनाव में किए जाते हैं बड़े-बड़े वादे
चुनाव के समय वोट मांगते समय इन गांव के विकास के लिए तमाम वादे किए जाते हैं लेकिन रिजल्ट आने के बाद इनकी सुध लेने कोई नहीं आता है।