दरअसल, सामाजिक भेदभाव के चलते दलितों को बारात निकालने और दूल्हे को घोड़ी पर बैठाने को लेकर विवाद होते रहे हैं। चार दिन पहले इमलिया के सगौरिया गांव में विवाद की स्थिति बनी थी। इससे पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा था। ऐसी ही स्थिति बनने की आशंका जिला मुख्यालय से आठ किलोमीटर दूर देहात थाना क्षेत्र के मानपुरा में पहले से ही पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया था। लिहाजा दूल्हे को घोड़ी पर बैठाकर बारात निकाली गई।
पहले ही कर दी थी शिकायत
मानपुरा निवासी युवक धर्मेंद्र अहिरवार के द्वारा एसपी को एक ज्ञापन सौंपा गया था, जिसमें बताया गया था कि शुक्रवार को उसकी बारात निकलनी है। लेकिन रछवाई के दौरान घोड़ी पर बैठने का विरोध गांव के लोगों के द्वारा किया जा रहा है। युवक की इस शिकायत पर पुलिस प्रशासन हरकत में आया और एसपी डीआर तेनिवार के निर्देश पर पुलिस बल गांव पहुंचा और पुलिस सुरक्षा में युवक की रछवाई निकलवाई गई।
अभी तक नहीं मिलता था घोड़ी पर बैठने
युवक धर्मेंद्र के विवाह में शामिल हुए भाजपा के महामंत्री रामेश्वर चौधरी ने बताया कि मुझे जानकारी मिली थी कि युवक धर्मेंद्र के घोड़ी पर बैठने को लेकर गांव के कुछ लोगों द्वारा विरोध किया जा रहा है। इसके बाद मामले के संबंध में एसपी से बात की गई और गांव पहुंचकर पुलिस बल की मौजूदगी में धर्मेंद्र को घोड़ी पर बैठाकर रछवाई निकलवाई गई। यह पहला मौका है, जब इस गांव में किसी दलित समुदाय के दूल्हे को बारात निकलने से पहले रछवाई में घोड़ी पर बैठने मिला है।