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पुराने एफओबी पर पड़ी दरारें नहीं जिम्मेदारों को नहीं आ रही नजर

locationसागरPublished: Feb 14, 2020 09:22:41 pm

– पुराने एफओबी पर पड़ी दरारें नहीं जिम्मेदारों को नहीं आ रही नजर-बीच में जगह-जगह दरारे होने से हादसे की भी है आशंका, भोपाल स्टेशन पर हुई घटना के बाद अभी भी शुरू नहीं हुआ सर्वे।

पुराने एफओबी पर पड़ी दरारें नहीं जिम्मेदारों को नहीं आ रही नजर

पुराने एफओबी पर पड़ी दरारें नहीं जिम्मेदारों को नहीं आ रही नजर

सागर. रेलवे स्टेशन पर पुराने एफओबी की हालत बेहद ही जर्जर हो चुकी है। बीच वाले हिस्से में जगह-जगह दरारें पड़ चुकी हैं। यह दरारें आसानी से दिखाई दे रही हैं, लेकिन रेलवे के जिम्मेदार अधिकारियों को यह नजर नहीं आ रही हैं। भोपाल स्टेशन पर हुए हादसे के बाद भी इंजीनियरिंग विभाग नींद से नहीं जागा है। ५ दशक पुराने एफओबी की मरम्मत को लेकर अभी तक कोई तैयारी शुरू नहीं की है। इसी जर्जर और दरार खा चुके एफओबी पर प्रतिदिन शाम के वक्त क्षमता से ज्यादा यात्री आना जाना करते हैं। एेसे में इस ब्रिज के कुछ हिस्सों के गिरने की आशंका भी बनी हुई है। देखा जाए तो प्रतिदिन शाम के समय सागर आने वाली गौंडवाना एक्सप्रेस और संबलपुर एक्सप्रेस ट्रेन से ५ हजार से ज्यादा यात्री सागर आते हैं। इसी पुराने एफओबी से आना जाना करते हैं। एफओबी की क्षमता इतने यात्रियों के सहने की नहीं है। कई जगहों से जर्जर हो जाने के यह हिस्से गिर भी सकते हैं। यदि एेसा हुआ तो यात्रियों की जान सांसत में पड़ सकती है। -चलते वक्त कंपन होने लगी ब्रिज में
एफओबी के जर्जर होने के साथ ही यह हिलने भी लगा है। टे्रन आने पर जब बड़ी संख्या में यात्री एफओबी से आना-जाना करते हैं तो ब्रिज में कंपन होने लगती है। इस संबंध में यात्रियों ने रेलवे की शिकायत बुक पर इसका जिक्र किया है। वहीं, स्टेशन प्रबंधक से भी कई यात्री शिकायत कर चुके हैं। वहीं, ब्रिज के आजू-बाजू सपोर्टिंग जालियां भी क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। इनका सहारा लेकर चले वाले यात्रियों के लिए यह खतरनाक साबित भी हो सकती हैं। लेकिन यह सब जानने के बाद भी इंजीनियरिंग विभाग इनकी मरम्मत नहीं करा रहा है।

भोपाल स्टेशन में हुई घटना के बाद सागर स्टेशन पर इस तरह की स्थिति न बने। इसके लिए एफओबी का सर्वे कराया जाएगा। इसके लिए संबंधित को निर्देश दे दिए हैं। जहां मेंटनेंस की जरूरत है वहां पर काम कराया जाएगा। यात्रियों की सेफ्टी के लिए रेलवे निरंतर प्रयास कर रहा है।
सुमित कुमार, सहायक अभियंता इंजीनियरिंग विभाग
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