scriptकमिश्नर ने विभागों के अधिकारियों से जताई उम्मीद, जल्द हो डेयरी विस्थापन | Dairy displacement in the sagar | Patrika News

कमिश्नर ने विभागों के अधिकारियों से जताई उम्मीद, जल्द हो डेयरी विस्थापन

locationसागरPublished: Jul 14, 2018 05:05:27 pm

लंबे अरसे से चल रहा शहर से डेयरी विस्थापन का मामला अब सुलझता नजर आ रहा है।

Dairy displacement in the sagar

Dairy displacement in the sagar

सागर. लंबे अरसे से चल रहा शहर से डेयरी विस्थापन का मामला अब सुलझता नजर आ रहा है। पूर्व में तमाम सरकारी कवायद के बाद महज भूमि आवंटन के लिए अटके इस मसले पर संभागायुक्त मनोहर दुबे ने संज्ञान लिया है। उन्होंने विस्थापन से जुड़े नगर निगम सहित तमाम विभागों के अफसरों को निर्देश दिए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह मसला जल्द से जल्द सुलझा लिया जाएगा।
शहर की यातायात व्यवस्था और एेतिहासिक झील के लिए नासूर बनी डेयरियों को शहर से बाहर करने की कवायद डेढ़ दशक से की जा रही है। पूर्व में तत्कालीन कमिश्नर डॉ. मनोहर अगनानी की अगुवाई में विस्थापन का मसला लगभग पूर्ण कर लिया गया था। इसके लिए सागर-भोपाल मार्ग पर ग्राम रतौना में जमीन भी तलाश ली गई और डेयरी मालिक भी यहां शिफ्ट होने के लिए तैयार हो गए थे। लेकिन यह जमीन पशुपालन विभाग ने डेयरी के लिए आवंटित नहीं की थी।
राहगीरों व यातायात के लिए मुसीबत
अब संभागायुक्त दुबे ने एक बार फिर कवायद शुरू की है। शहर के प्रत्येक वार्ड में औसतन आठ डेयरियां संचालित हैं। इस वजह से करीब सवा सौ मवेशी उस वार्ड में राहगीरों और स्थानीय लोगों के लिए मुसीबत खड़ी करते हैं। शहर के पॉश इलाके में वैशाली नगर तक में डेयरी संचालित हो रही हैं। तिली, गोपालगंज, मोतीनगर, भगवानगंज, कृष्णगंज, सभाष नगर बड़ा बाजार क्षेत्र में सबसे ज्यादा डेयरियों का संचालन किया जा रहा है, यह कुल डेयरियों का करीब 65 प्रतिशत है।
जाम में एम्बुलेंस तक फंस जाती हैं
तिली मार्ग पर बीएमसी (बुंदेलखंड मेडीकल कॉलेज), जिला अस्पताल जैसे संवेदनशील संस्थान हैं। इस मार्ग से दिनभर एम्बुलेंस का आना-जाना होता है। गोपालगंज व तिली क्षेत्र में संचालित हो रहीं डेयरियों के मवेशी सुबह-शाम इस मार्ग पर जमे रहते हैं, इस वजह से कई बार जाम के हालात होते हैं और एम्बुलेंस जाम में फंस जाती हैं। ऐसे में आम आदमी की जान सांसत में पड़ जाती है।

यहां होना है यह कार्य
रतौना में प्रस्तावित डेयरी स्टेट में 8000 वर्गफीट के क्षेत्र में एक डेयरी शेड बनाने की प्लानिंग तैयार की गई है। एक शेड में 25 मवेशियों को ही रखने प्रस्ताव है। प्रशासन
और पशुपालकों के बीच डेयरी विस्थापन के कुछ बिंदुओं पर सहमति बनना अभी शेष रह गया है। रतौना में वर्तमान में कुटकुट विकास निगम के अधिकारियों ने डिजाइन को तैयार की है।
जल्द निकलेगा हल

शहर से डेयरी विस्थापन का मामला संज्ञान में आया है। इसकी तैयारी हो रही है। पशु पालन विभाग को भोपाल स्तर पर भूमि आवंटन करना है। इस मामले में पत्राचार किया गया है। जल्द ही इस मसले का हल निकाल लिया जाएगा। – मनोहर दुबे, संभागायुक्त

इन स्थानों पर सबसे अधिक परेशानी
ठ्ठ तहसीली और ऑफिसर्स कॉलोनी रोड पर आलम और भी बदतर हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि ऑफिसर कॉलोनी अधिकांश जिम्मेदार अफसर रहते हैं, बावजूद इसके यहां डेयरी वाले मवेशियों के साथ आवारा मवेशी चौबीस घंटे सड़क पर डेरा जमाए रहते हैं।
ठ्ठ शहर का सघन आबादी वाला परकोटा इलाके में हैवी ट्रेफिक का दवाब रहता है। प्रशासन चौकसी तो बरतता है, लेकिन यहां पर डेयरियों से झुंड में निकलने वाले मवेशियों के कारण यातायात की स्थिति दयनीय हो जाती है।
ठ्ठ उत्कृष्ट कन्या महाविद्यालय चौराहे पर भी आवारा मवेशियों सहित डेयरी के पशुओं का जमावड़ा आए दिन होता रहता है।
ठ्ठ गोपालगंज क्षेत्र सबसे ज्यादा संवेदनशील क्षेत्रों में से एक है। यहां पर कोचिंग के हजारों छात्र-छात्राओं की दिनभर आवाजाही रहती है।
ठ्ठ भगवानगंज, मोतीनगर क्षेत्र से भारी वाहनों के साथ अन्य बड़े वाहनों का आना-जाना रहता है। जब मवेशियों के झुंड निकलते हैं तो यहां सुबह व शाम यातायात जाम के हालता बनते रहते हैं।

ट्रेंडिंग वीडियो