सागरPublished: Oct 20, 2020 08:12:45 pm
sachendra tiwari
खिमलासा और खुरई रोड की स्थिति
Danger points are not being improved even after accidents
बीना. जिन जगहों पर बार-बार हादसे हो रहे हैं और लोगों की जान जा रही है वहां कोई सुधार जिम्मेदार नहीं कर रहे हैं। रोड बनाते समय भी यहां इंजीनियरों द्वारा ध्यान नहीं दिया गया। इन पॉइंटों पर वाहन चालकों को तो खतरा है ही साथ ही वहां आसपास रहने वाले लोग भी दहशत में रहते हैं।
खिमलासा और खुरई रोड पर चौबीसों घंटे भारी वाहन गुजरते हैं और डेंजर पॉइंटों पर हमेशा ही खतरा बना रहता है। खिमलासा रोड पर बेलई तिराहा पर बेलई जाने वाली रोड से खिमलासा रोड की ऊंचाई ज्यादा है और बेलई की ओर से आने वाले वाहन चालकों को मेन रोड से निकलने वाले वाहन दिखाई नहीं देते हैं, जिससे वह दुर्घटना का शिकार होते हैं। कई हादसों के बाद भी मुख्य मार्ग पर ब्रेकर नहीं बनाए गए हैं। यहां सिर्फ ब्रेकर के संकेत बने हुए हैं, लेकिन इन संकेतों पर तेज रफ्तार वाहन चालकों की नजर नहीं जाती है। यदि यहां ब्रेकर बना दिए जाएं या अन्य सुधार हो जाएं तो वाहनों की गति धीमी होने से हादसे रुक सकते हैं। इस मोड़ पर कई लोग जान गवां चुके हैं और कई गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। इस रोड पर नर्सरी के पास रोड में कटाव ज्यादा हो जाने के कारण हादसों की आशंका बनी रहती है, लेकिन उसे भी ठीक नहीं कराया जा रहा है।
खुरई रोड पर कुरुआ के पास है खतरनाक मोड़
खुरई रोड का निर्माण करीब एक वर्ष पहले ही हुआ है, लेकिन रोड बनाते समय यहां अंधे मोड़ को खत्म नहीं किया गया। ग्राम कुरुआ के पास बना मोड़ कई लोगों की जान ले चुका है और यहां कोई सुधार नहीं कराया गया। इस मोड़ पर आए दिन वाहन पलटते हैं। सोमवार की शाम ही एक गेहूं से भरा ट्रक पलट गया, जिससे रोड के बाजू से बैठे मवेशी उसकी चपेट में आ गए। यह मोड़ वाहन चालकों के लिए खतरा बन गया है। पिछले वर्ष एक ट्रक अनियंत्रित होकर मकान से टकरा गया था और चालक बुरी तरह फंस गया था। इस घटना में चालक की जान चली गई थी। इसी रोड पर एक बाइक सवार पेड़ से टकरा गया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी। नेशनल हाइवे होने के कारण इस तरह के मोड़ों में सुधार जरूरी है।
लगाए गए हैं संकेतक
खुरई रोड बनाते समय मोड़ को सीधा करने के लिए कुछ लोगों की जमीन आ रही थी और लोगों के जमीन न देने पर जितनी सरकारी जमीन थी उतना मोड़ सीधा किया गया है। साथ ही वहां संकेतक लगाए गए हैं। यदि हादसे हो रहे हैं तो वहां रेडियम पट्टी और संकेतक लगाए जाएंगे।
एमएस कुरैशी, एसडीओ, एनएच