सागरPublished: Nov 06, 2018 08:31:51 pm
anuj hazari
शहर में प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर नहीं कार्रवाई
Day-to-day pollution vehicles, breathing difficult
बीना. प्रदूषण विभाग व पुलिस की लापरवाही के कारण शहर में प्रदूषण फैलाने वाले वाहन धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं। खास तौर से वाहनों की प्रदूषण चेकिंग न होने से यह समस्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। जहां देखो वहीं वाहनों से काला धुआं निकलता रहता है। ऑटो, मालवाहक, ट्रक हों या बसें, इतना काला धुआं उड़ाते हैं कि सड़कों पर चलने वाले दोपहिया वाहन चालकों को सांस लेना भी दुश्वार रहता है। शहर से ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी तादाद में जाने वाले वाहन प्रदूषण फैलाने में अव्वल हैं। हैरानी तो यह है कि इसका किसी भी महकमे पर कोई असर नहीं पड़ता है। शहर में लोकल ट्रांसपोर्ट सर्विस की कमी के कारण लोग अधिकतर ऑटो का सहारा लेते हैं। ऑटो चालक लगातार सवारियों को एक से दूसरे स्थान पर छोड़ते रहते हैं, लेकिन ऑटो से निकलते धुएं पर कोई ध्यान नहीं देते। जिसके कारण वह प्रदूषण फैलाने के बाद भी वाहनों को चलाते रहते हैं।
प्रदूषण फैलाने वालों की नहीं होती जांच
चूंकि शहर में प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों का चलना किसी से छुपा नहीं है ऐंसी स्थिति में प्रदूषण जांच करने के लिए मशीन लगी गाड़ी हमेशा शहर में घूमती रहती है लेकिन वह कभी भी वाहनों की चैकिंग नहीं करते हैं। जो लोगों को गंभीर बीमारियों से ग्रसित कर रहे हैं। जहां एक ओर वाहन शहर को प्रदूषित कर रहे हैं तो दूसरी ओर शहर के पास स्थित बड़े उद्योग भी लोगों को बीमार बनाने में कहीं सेभी सकर नहीं छोड़ रहे हैं।
क्या कहते हैं डॉक्टर
सिविल अस्पताल प्रभारी डॉ. आरके जैन ने बताया कि वाहनों से निकलने वाले धुएं से सबसे ज्यादा परेशानी दो पहिया वाहन चालकों को होती है। उनके चेहरे पर गंदगी जम जाती है। धुएं से लोगों को दमा, खांसी, सांस की परेशानी जैसी समस्याएं होती हैं। धुएं से बचने के लिए मुंह पर कपड़ा बांधकर ही वाहन चलाना चाहिए।