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हार्वेस्टिंग कराने के बाद बीस एकड़ में नहीं निकली दो क्विंटल उपज, किसान उपज लेकर पहुंचे तहसील

locationसागरPublished: Sep 23, 2020 08:51:28 pm

Submitted by:

sachendra tiwari

मुआवजा, बीमा राशि दिलाने की मांग

Demand for compensation, insurance amount

Demand for compensation, insurance amount

बीना. अतिवृष्टि, कीटों के प्रकोप के कारण खरीफ फसल ने किसानों की कमर तोड़ दी है। उड़द की फसल पहले ही चौपट हो चुकी है और अब सोयाबीन में न के बराबर उपज निकल रही है। फसल की हालत देख किसानों के आंसू निकल रहे हैं। बुधवार को किसान भीगते हुए उपज ट्रैक्टर-ट्रॉली में भरकर तहसील पहुंचे और एसडीएम को दिखाई। किसानों ने इंदर सिंह के नेतृत्व में कलेक्टर के नाम एसडीएम को मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा।
धनौरा के किसान पुष्पेन्द्र चौबे ट्रैक्टर-ट्रॉली में जो उपज लेकर आए थे वह बीस एकड़ की थी। उसमें दो क्विंटल सोयाबीन निकलना भी मुश्किल है। सोयाबीन से ज्यादा उसमें घास था और फसल की स्थिति देखकर उनके पिता की तबीयत खराब हो गई। किसान नेता इंदर सिंह ने बताया कि फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं और अब किसानों के सामने संकट खड़ा हो गया है कि वह रबी सीजन की बोवनी कैसे करेंगे। डीजल, बीज, खाद किसान कैसे खरीदेंगे किसानों की दयनीय स्थिति बताते हुए वह भावुक हो गए और मुआवजा दिलाने की बात कही। व्यापारियों की हड़ताल के कारण मंडी भी बंद हो रही और किसानों ने मंडी खुलवाने की मांग भी रखी।
दो बार की थी बोवनी
किसान पुष्पेन्द्र ने बताया कि इस वर्ष दो बार बोवनी करने में लागत लगाई थी, पहली बार बारिश ज्यादा होने से बीज खराब हो गया था, जिससे दूसरी बार बोवनी की थी। जब फसल पककर तैयार हुई तो न के बराबर उपज निकल रही है। सरकार को जल्द से जल्द बीमा राशि और मुआवजा देना चाहिए।
दस एकड़ की फसल बखर दी
किसान इंद्रभवन सिंह ने बताया कि बीस एकड़ में सोयाबीन में बोया था, जिसमें दस एकड़ में हार्वेस्टिंग कराई तो पांच बोरा सोयाबीन निकला, जिससे दस एकड़ की फसल बखर दी। ठंडों में बेटी की शादी करनी है और फसल चौपट होने पर शादी कैसे कर पाएंगे। यदि सरकार ने जल्द से जल्द मुआवजा नहीं दिया तो आत्महत्या करने मजबूर होंगे।
दस दिन में मांगें कराई जाएं पूरी
कलेक्टर के नाम सौंपे ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि प्रति एकड़ 10 किलो उत्पादन सोयाबीन का हुआ है, जिससे किसान फसलों की बखरनी कर रहे हैं। उड़द, सोयाबीन दोनों ही फसलें नष्ट हो गई हैं। इसलिए किसानों को पूर्व में खराब हुई फसलों की बीमा राशि जल्द दी जाए, पिछले वर्ष की 160 रुपए प्रति क्ंिवटल गेहूं की बोनस राशि दी जाए, खरीफ फसल की बीमा, मुआवजा राशि का भुगतान दस में करने की मांग की है। ऐसा न करने पर जिन विधानसभाओं में उपचुनाव होना हैं वहां किसान जाकर आंदोलन करेंगे। ज्ञापन सौंपने वालों में बलवंत सिंह, किशनचंद, उदयभान, कोमल, विजय सिंह, सुंदर, रघुनाथ, बिहारी, राजकुमार, दिनेश साहू, सत्येन्द्र चौबे, जयकुमार साहू, नर्मदाप्रसाद, नंदलाल आदि शामिल हैं।
बीमा राशि देने में भेदभाव का आरोप
किसानों ने आरोप लगाया कि जो किसान अधिकारियों से जुड़े हुए हैं उनके लिए बीमा राशि ज्यादा है और अन्य किसानों को बहुत कम राशि मिली है। बीमा राशि न मिलने के कारण छोटे किसान परेशान हैं। अभी तक कई किसानों की बीमा राशि खातों में नहीं आई है।

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