सागर

साहब…मुझे कैंसर है, दया करें

विभाग के कई चक्कर लगा लिए लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ।

सागरApr 11, 2018 / 05:25 pm

गुलशन पटेल

Demand for getting pension and other amount in public hearing

सागर. जीवनभर विभाग की सेवा की, अब सेवानिवृत भी हो गया। किस्मत की मार है कि मुझे कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी ने घेर लिया। सागर में इलाज संभव नहीं है, बाहर जाना पड़ रहा है। पैसे नही हैं, हमारी ही राशि नहीं दी जा रही। विभाग के कई चक्कर लगा लिए लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। अब कलेक्टर साहब से उम्मीद बंधी है कि वे दया करेंगे।
यह करूण पुकार शिक्षा विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रामप्रसाद यादव की है। मंगलवार को जनसुनवाई में कलेक्ट्रेट आए यादव ने बताया कि वे शासकीय उमावि. जरूआखेड़ा में पदस्थ थे। फरवरी २०१८ को सेवानिवृत्त हो गए। लेकिन अब तक उनका पेंशन प्रकरण कोषालय नहीं भेजा गया। मुझे कैंसर जैसे रोग ने घेर लिया है, बीएमसी में इलाज चल रहा है, यहां इलाज ठीक से नहीं हो पा रहा, बाहर जाना पड़ेगा, लेकिन मेरे पास पैसे नहीं हैं। हमारी जीपीएफ, जीआईएस, गे्रच्युटि की राशि भी नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि दया करके मेरे सातवें वेतनमान की एक मुश्त राशि दी
जाए ताकि मैं अपना उपचार करा सकूं।
सीमांकन रोकें
जनसुनवाई में बीना के धन्नालाल साहू ने बताया कि गोहर गांव में उनकी कृषि भूमि है। मेरे भाई तुलाराम ने भूमि के सीमांकन का आवेदन दिया है। पटवारी विवेक जैन ने सीमांकन की सूचना व आपत्ति प्रस्तुत करने आवेदन देने सूचित किया है। दिव्यांग धन्नालाल ने आवेदन में कहा है कि मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। उन्होंने सीमांकन पर रोक लगाने की मांग की है।
इन्होंने भी दिए आवेदन
गौरझार गुवारा के तखत सिंह अहिरवार ने बताया कि वह 15 वर्षों से दिव्यांग है उसे दिव्यांग प्रमाण पत्र दिया जाए। ग्राम भैंसा पहाड़ी निवासी मदन लाल ने शिकायत की कि उन्हें वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिल रही है। खजुरिया निवासी श्याम लाल अहिरवार ने आवेदन दिया कि उसने खरीफ की फसल मंडी में बेची। बैंक खाते में भावांतर की राशि नहीं आई।

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