सागरPublished: Feb 21, 2020 08:27:29 pm
anuj hazari
काशी-महाकाल एक्सप्रेस का विरोध करने पहुंचे थे डब्ल्यूसीआरएमएस के सदस्य
Demonstrators could not reach union after seeing police force
बीना. मांगों को लेकर रेलवे यूनियन डब्ल्यूसीआरएमएस के सदस्य शुक्रवार को रेलवे स्टेशन पर लंबित मांगों को लेकर ट्रेन का विरोध करने के लिए पहुंचे थे। विरोध प्रदर्शन की जानकारी लगते ही ट्रेन की सुरक्षा में पहुंची पुलिस फोर्स के कारण कोई भी सदस्य ट्रेन तक नहीं पहुंच सका। प्रदर्शन में शामिल होने के लिए डब्ल्यूसीआरएमएस मंडल अध्यक्ष राजेश तिवारी भी पहुंचे, जहां प्रदर्शन की जानकारी लगने के बाद प्रशासन हरकत में आ गया और बीना स्टेशन के अलावा मालखेड़ी स्टेशन से भी आरपीएफ फोर्स को बुलाया गया था। ट्रेन आने के पहले ही स्टेशन पर बड़ी संख्या में आरपीएफ और जीआरपी के जवान पहुंच गए थे, जिन्हें देखकर यूनियन के सदस्य अंदर तक नहीं गए और वह बुकिंग ऑफिस के बाहर ही नारेबाजी करते हुए वापस चले गए। ट्रेन शाम करीब पांच बजे पांच नंबर प्लेटफॉर्म पर पहुंची, जिसकी सुरक्षा के लिए चारों ओर भारी पुलिस बल लगा हुआ था। ट्रेन के तय समय तक रुकने के बाद उसे झांसी की ओर रवाना किया गया।
इन मांगों को लेकर यूनियन कर रही थी प्रदर्शन
डब्ल्यूसीआरएमएस यूनियन महाकाल एक्सप्रेस का विरोध ऑपरेटिंग विभाग एवं लोको रनिंग स्टॉफ की ज्वलंत समस्याओं का निराकरण करने के लिए किया जा रहा था। भोपाल मंडल की बीना डिपो के माध्यम से मंडल के माइलेज वैलेसिंग की मांग प्रमुख है। इसमें बीना डिपो में केवल गार्ड साइड से 8 सौ किलोमीटर का कार्य कर रहा है जबकि रतलाम मंडल 9000 किलोमीटर का काम कराया जा रहा है, जिसे वैलेसिंग किया जाए। इसके अलावा बीना-उज्जैन स्टाफ द्वारा स्पेयर बर्किंग समाप्त किया जाए एवं लोको पायलट साइड बीना-उज्जैन के बीच लर्निंग दिलाई जाए। रेलवे का निजीकरण बंद करने, रेलवे चैंकिंग स्टाफ के साथ हुई मारपीट के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। डीआरएम ने यूनियन पदाधिकारियों को आश्वासन दिया है कि बीना स्टाफ से पांच ट्रेनों को चलवाया जाएगा।