…तो अस्पतालों में करा सकते हैं मुहैया
लॉक डाउन होने की स्थिति में अभी विश्वविद्यालय में किसी भी प्रकार की कार्यों पर रोक है। २१ दिन बाद कोरोना का असर खत्म होता है या फिर लॉक डाउन आगे बढ़ दिया जाएगा। इस बारे में अभी कुछ कहा नही जा सकता। ऐसे में यदि सैनिटाइजर का उपयोग विश्वविद्यालय प्रशासन कहीं और करना चाहे तो कर सकता है। मसलन जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में सैनिटाइजर की कमी है। विश्वविद्यालय प्रशासन इसे सस्ते दर पर बीएमसी को उपलब्ध करा सकता है। इससे सैनिटाइजर बनाने वाले विशेषज्ञों की मेहनत भी जाया नहीं जाएगी।
वर्जन
मार्केट में मिलने वाले सैनिटाइजर की तुलना में यह बेहद फायदेमंद है। विभाग के एचओडी यदि डिपार्टमेंट खोलने की अनुमति देते हैं तो इसका उपयोग किया जा सकता है।
डॉ सीपी उपाध्याय, सहायक प्राध्यापक बायोटेक्नोलॉजी
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ये सैनिटाइजर रिसर्च से तैयार किया गया है। इसे तैयार ही कोरोना से निपटने के लिए किया गया है। विश्वविद्यालय में अभी इसकी जरूरत यदि नही है तो जरूरतमंद संस्थाओं को उपलब्ध कराया जाएगा।
प्रो. आरपी तिवारी,कुलपति