साईखेड़ा में खुले मैदान में ओपन कैप में रखी पिछले वर्ष की धान पूरी तरह खराब हो गई है। जिसे मिलर्स तक अब तक नान के अधिकारियों के द्वारा नहीं पहुंचाया गया है और अब अन्य जिलों से धान मंगाई जाने लगी है। वेयरहाउस में अब तक ३६ हजार क्विंटल धान आ चुकी है। सोमवार को सतना से ६०० क्विंटल आई है। जानकारी के मुताबिक अभी सतना से ६० हजार क्विंटल धान आएगी जो ओपन कैप में ही रखी जाएगी। पूराना स्टॉक प्रबंधकों के द्वारा उठाया जा नहीं रहा है।
खरीदी केंद्रों से धान के उठाव के लिए प्रदेश सरकार ने समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के बाद कस्टम मिलिंग रेसियो (सीएमआर) में धान की गुणवत्ता को खराब बताए जाने और जानवरों के खाने योग्य चावल जमा करने जैसी स्थिति से निपटने के लिए नई नीति बनाई थी। इसमें तय किया था कि समिति आधारित केंद्रों से मिलर्स सीधे धान का उठाव कर गोदाम ले जाएंगे। मिलिंग कर चावल जमा करेंगे। बताया जा रहा है कि इसमें मिलिंग के बाद जमा होने वाले चावल की पांच लॉट में दो लॉट चावल एफसीआइ गोदाम में देने संबंधी नियम मिलर्स को रास नहीं आ रहा है। चावल जमा करने के दौरान एफसीआइ के मानक बहुत कड़े होते हैं। वहां गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाता है। यही वजह है कि धान को वेयरहाउसों में रखा जा रहा है।