प्रिंट की जगह डिजिटल कार्ड से मेहमानों को दिया जा रहा आमंत्रण
कोरोना काल में लोगों को डिजिटल कार्ड भेजना सबसे सुरक्षित

बीना. शादी सीजन में विवाह कार्ड छपाई का काम इतना बढ़ जाता है कि प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारियों को भी फुर्सत नहीं होती। पिछले वर्ष तक तो हालात ऐसे होते थे कि शादी के कार्ड छपवाने के लिए भी एक से डेढ़ माह पहले ही बुकिंग कर दी जाती थी, लेकिन इस साल कोरोना ने सबकुछ बदलकर रख दिया है और कोरोना काल ने इनके कारोबार को 70 फीसदी तक कम कर दिया है। इन दिनों शादियों में मेहमान भी सीमित हो गए हैं और चाहकर भी ज्यादा मेहमान नहीं बुला सकते हैं। इसलिए कार्ड कम से कम छपवाने के साथ ही डिजीटल कार्ड पर ही जोर दे रहे हैं और अपने परिचितों को भी डिजीटल कार्ड से ही आमंत्रित कर रहे हैं। कोरोना काल में प्रिंट की अपेक्षा डिजीटल कार्ड सुरक्षित हंै, जिससे लोगों तक कोरोना पहुंचने का डर नहीं रहता है।
ऐसा रहता था कारोबार
शादी कार्ड छपाई करने वाले व्यापारियों का कहना है कि पिछले वर्ष तक एक सीजन में एक दुकानदार का पचास हजार से डेढ़ लाख तक का व्यापार हो जाता था। प्रिटिंग प्रेस संचालक स्नेह श्रीवास्तव ने बताया कि कार्ड की क्वालिटी व उसकी छपाई की संख्या के आधार पर कीमतें तय होती थीं, इस साल तो कोरोना ने कार्ड छपाई कारोबार को 70 फीसदी तक कम कर दिया है। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा लोग डिजिटल कार्ड बनवाने के लिए आ रहे है। यहां तक कि लोग अब केवल सगे संबंधी और छुट्टी लेने के लिए ऑफिस में कार्ड लगाने के लिए ही कार्ड छपवा रहे हैं।
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