गुड गवर्नेंस की कमी रही है…
शासन ने घोषणाएं बहुत की हैं। कुछ घोषणाएं व निर्णय अच्छे थे लेकिन गुड गवर्नेंस की कमी रही है। मेडिकल कॉलेज और तिली अस्पताल के डी-मर्जर का आदेश हुए तीन माह बीते गए हैं, लेकिन आज तक अधिकारिक आदेश नहीं आया है। इससे साबित होता है कि सरकार प्रदेशवासियों को गुड गवर्नेंस देने में नाकाम साबित हो रही है। यही वजह है कि पत्रिका के सर्वे में शीर्ष नेतृत्व में जो परिवर्तन की बात मतदाताओं ने कही है, वह १०० फीसदी सही है। तीसरे मोर्चा की प्रदेश में बहुत जरूरत है। जब यह मोर्चा शक्ति से खड़ा होगा तो भाजपा व कांग्रेस जनता की बात को गंभीरता से लेने लगेगी।
रघु ठाकुर, समाजवादी चिंतक
पत्रिका के सर्वे में जो बात सामने आई है उससे विपक्ष को उत्साहित होने की जरूरत नहीं है। विधायकों की लोकप्रियता सकारात्मक रही है। विपक्ष अपनी भूमिका संतोषजनक नहीं निभा पाया है, यह बात भी सर्वे में है। शीर्ष नेतृत्व में बदलाव की जरूरत नहीं है। कोलारस व मुंगावली में भले ही भाजपा को हार मिली, लेकिन जनता ने पिछले चुनाव की तुलना में भाजपा पर ज्यादा भरोसा जताया है। यहां अमेरिका जैसी स्थिति है, जहां सिर्फ दो दल ही स्वीकार हैं।
-शैलेंद्र जैन, विधायक
सर्वे सटीक है लेकिन यह बात सभी जानते हैं कि भाजपा हमेशा से विकास के मुद्दे पर चुनाव में उतरी है और जीते भी हैं। शिवराज सरकार विकास का पर्याय है। यही वजह है कि सर्वे में पूर्व में रही कांग्रेस सरकार को मतदाताओं ने ज्यादा तवज्जो नहीं दी है। प्रदेश सरकार ने कई जनकल्याणकारी योजनाएं चलाईं हैं लेकिन अधिकारी उनका क्रियान्वयन नहीं कर पाए हैं, जिससे मतदाताओं को यह जानकारी नहीं है कि कौन सी योजना किस सरकार की देन है।
-अभय दरे, महापौर
आजादी के समय देश की क्या स्थिति थी। कांग्रेस ने चहुंओर विकास किया। भाजपा ने रोटी दी पर उसे कमाने का जरिया नहीं दिया। स्कूल दिए, शिक्षक नहीं। यही वजह है सर्वे में भाजपा सरकार को जनता ने अब नकार दिया है। भाजपा योजनाओं में सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी कर रही है, जमीनी स्तर पर स्थिति बिल्कुल विपरीत है।
रेखा चौधरी, जिला कांग्रेस शहर अध्यक्ष
पत्रिका के सर्वे ने भाजपा व कांग्रेस को जगाने का काम ? किया है। सर्वे में कांग्रेस की स्थिति बेहतर नहीं लेकिन भाजपा की असफलता भी सामने आ गई है। जनता बदलाव चाहती है। विधायकों को बहुत कम अंतर से मतदाताओं ने उम्मीदों पर खरा उतारा है। भाजपा की आज वही स्थिति है जो वर्ष-२००३ में कांग्रेस की थी।
अजय परमार, नेता प्रतिपक्ष, नगर निगम
तीन राज्यों के सर्वे से यह बात साबित हो गई है कि जनता अब भाजपा के साथ आगे नहीं बढऩा चाहती है। भाजपा सरकारों ने जो विकास के वादे किए थे, वे जमीन पर नजर नहीं आ रहे हैं। कई मंत्री एेसे हैं जो अपनी विधानसभा क्षेत्र में लोगों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर रहे हैं। कांग्रेस इस बार तीनों राज्यों में सरकार बनाएगी।
त्रिलोकीनाथ कटारे, पूर्व निगमाध्यक्ष
सर्वे में तीनों प्रदेश की ३८ फीसदी जनता ने भाजपा-कांग्रेस को छोड़कर तीसरे विकल्प के साथ जाने का मन बना लिया है। इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। तीसरे विकल्प का मौका जनता को जिस भी प्रदेश में मिला है, वहां भाजपा-कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया। उप्र, दिल्ली के चुनाव इस बात की कई बार पुष्टि कर चुके हैं। यही हालात आगामी चुनावों में तीनों राज्यों में देखने को मिलेंगे।
डॉ. स्वदीप श्रीवास्तव, प्रदेश संयोजक, शिक्षा प्रकोष्ठ, आप
मतदाताओं के सर्वे को कोई भी दल खारिज नहीं कर सकता है। कांग्रेस सिर्फ आपातकाल के पहले और बाद की स्थिति देख ले। आपातकाल के बाद राजनैतिक मूल्यों में गिरावट आई थी लेकिन भाजपा ने उसे सुधारा व उसे आदर्श की ओर ले गए। यही वजह है कि पूरे देश में आज एक-एक करके भाजपा की सरकारें ही बनती जा रहीं हैं। सर्वे से स्पष्ट है कि कांग्रेस आज भी जनता की पहली पसंद नहीं है।
संतोष रोहित, वरिष्ठ भाजपा नेता
कोई भी सरकार या जनप्रतिनिधि कभी भी १०० प्रतिशत मतदाताओं की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सकता है। कांग्रेस पार्टी ने ६० सालों में मध्यप्रदेश व देश को कुछ भी नहीं दिया है, जबकि भाजपा की सरकार के १५ साल में प्रदेश में सड़क, बिजली, पानी के क्षेत्र में जो परिवर्तन आया है वह अभूतपूर्व है। विपक्ष के पास शीर्ष नेतृत्व के लिए कोई ठोस छवि वाला चेहरा नहीं है।
मुकेश जैन ढाना, भाजपा नेता