scriptvideo: समर्थन मूल्य केन्द्रों पर फैली अव्यवस्थाएं, किसान स्वयं कर रहे तौल, परिवहन न होने से केन्द्रों पर नहीं बची जगह | Disorders spread across support price centers | Patrika News

video: समर्थन मूल्य केन्द्रों पर फैली अव्यवस्थाएं, किसान स्वयं कर रहे तौल, परिवहन न होने से केन्द्रों पर नहीं बची जगह

locationसागरPublished: Apr 28, 2019 09:14:41 pm

Submitted by:

sachendra tiwari

तौल हो रही प्रभावित

Disorders spread across support price centers

Disorders spread across support price centers

बीना. समर्थन मूल्य केन्द्रों पर फैली अव्यवस्थाओं से किसान परेशान हैं। किसी केन्द्र पर वारदाना नहीं पहुंच रहा हैतो कहीं परिवहन न होने से तौल प्रभावित होने लगी है। अव्यवस्थाओं के कारण किसान परेशान हो रहे हैं और अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
पुरैना समिति की खरीदी मंडीबामोरा द्वारा ग्राम लखाहर में की जा रही है। यहां आठ दिन बाद जैसे ही वारदाना पहुंचा किसान वारदाने को लूटने के लिए टूट पड़े और विवाद की स्थिति बनने लगी।विवाद की स्थिति को देखते हुए समिति संचालक को पुलिस बुलानी पड़ी तब कहीं जाकर किसान शांत हुए। वहीं शनिवार, रविवार को तौल बंद रहती है, लेकिन आठ दिन से परेशान हो रहे किसानों ने स्वयं ही रविवार को तौल कर दी। कुछ किसान तो तौल कांटा तक घर से ले आए थे। किसानों ने बताया कि वह आठ दिनों से तौल का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन कभी वारदाना की कमी और कभी परिवहन न होने के बात कहकर तौल नहीं की जा रही है। किसान रामशरण सिंह ने बताया कि बारह दिनों से गेहूं केन्द्र पर पड़ा है, लेकिन तौल नहीं हुई है और शनिवार की रात अनाज लेने के लिए आए ट्रक चालक ने गेहूं पर ट्रक चढ़ा दिया, जिससे गेहूं जमीन पर फैल गया है। केन्द्र पर किसान स्वयं गेहूं तौल रहे हैं। समिति पर तौल करा रहे कर्मचारी ने बताया कि करीब आठ हजार क्विंटल गेहूं परिवहन के लिए रखा है, लेकिन परिवहन की गति बहुत धीमी होने से परेशानी हो रही है।
परिवहन न होने से लग रहा गेहूं में दीमक
पिछले दिनों हुई बारिश में गेहूं भीग गया था और धूप लगने के बाद बोरियां सूख भी गई हैं, लेकिन उन्हें उठाया नहीं गया है, जिससे अब नीचे से दीमक लगने लगी है। कई बोरियां दीमक लगने के बाद फट गई हैं और गेहूं फैल रहा है। यदि इन बोरियों को जल्द नहीं उठाया गया तो गेहूं खराब हो जाएगा।
करना पड़ेगी तौल बंद
कुछ केन्द्रों पर ऐसी स्थिति बनी है कि बोरियां रखने जगह नहीं है और छल्लियां लगा दी गई हैं। यदि परिवहन की गति तेज नहीं हुईतो कुछ दिनों में तौल बंद हो जाएगीऔर किसानों को परेशान होना पड़ेगा।
वेयरहाउसों में नहीं बची जगह
परिवहन की गति धीमी होने का कारण वेयरहाउसों में जगह न होना भी बताया जा रहा है। क्योंकि सरकारी सहित किराए के वेयरहाउस भी फुल हो चुके हैं और अभी हजारों टन खरीदी बाकी रह गई है। साथ ही गेहूं, चना की खरीदी अभी शुरू भी नहीं हुई है, उसे भी रखने के लिए जगह की जरूरत है।
हर समिति पर रखा परिवहन के लिए गेहूं
समिति गेहूं
सतौरिया 1200 क्विंटल
मंडीबामोरा 8000 क्विंटल
पिपरासर 6000 क्विंटल
कंजिया 5000 क्विंटल
पुरैना 8000 क्विंटल

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