झोलाछापों के मकडज़ाल में फंसे ग्रामीण
सागर•Sep 10, 2018 / 11:32 am•
sunil lakhera
Delivery of most cesarean operations private hospitals in katni
सागर. जिले में तीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लंबे समय से एक भी डॉक्टर तैनात नहीं है। इतना ही नहीं सीएमचओ के दवा स्टोर से भी यहां पर दवाओं का वितरण नहीं हो रहा है। साफ है कि इन इलाकों में डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे ग्रामीण भगवान भरोसे जी रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि खुरई सिविल अस्पताल और गढ़ाकोटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर की संख्या पदों की संख्या से ज्यादा है। यहां से यदि एक-एक अतिरिक्त डॉक्टरों को इन जगहों पर तैनात कर दिया जाए तो निश्चित रूप से डॉक्टरों की भरपाई की जा सकती है।
झोलाछापों का फैला मकडज़ाल- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गौरझामर, महाराजपुर और कर्रापुर में दो-दो पद डॉक्टरों के मंजूर हैं, लेकिन यहां पर एक भी डॉक्टर तैनात नहीं किया गया है। वहीं, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शाहपुर में भी डॉक्टर के दो पद स्वीकृत हैं, लेकिन यहां पर एक भी डॉक्टर तैनात नहीं किया गया है। चारों जगहों पर हजारों की आबादी के बीच एक डॉक्टर न होने से यहां बीमार पडऩे वाले ग्रामीण झोलाछापों पर निर्भर हैं।
दवाओं की
सप्लाई भी बंद
शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित स्वास्थ्य संस्थानों में वितरित होने वाली दवाओं पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। एक-एक दवा का हिसाब लिया जा रहा है। स्वास्थ्य संस्थानों में कितनी ओपीडी है। उसके हिसाब से दवाएं भेजे जाने के निर्देश दिए जा रहे हैं। इन चार जगहों पर डॉक्टर न होने से दवाओं की डिमांड नहीं आ रही है। एेसे में सीएमचओ स्टोर से यहां के लिए दवाओं की सप्लाई बंद है।
पता करता हूं
डॉक्टरों की कमी निश्चित तौर पर है। शासन स्तर से पूर्ति के लिए कई बार पत्र लिखे जा चुके हैं। जहां तक एक भी डॉक्टर न होने की बात है तो पता करवाता हूं।
डॉ. इंद्राज सिंह, सीएमचओ