अन्य दवाओं की खपत रह गई महज चालीस प्रतिशत
सागर•Jul 31, 2020 / 08:57 pm•
anuj hazari
Domestic prescriptions reduced demand for antibiotics, consumption reduced to just 25 percent
बीना. कोरोना महामारी के दौर में शहर में दवाओं की बिक्री चालीस प्रतिशत तक रह गई है, जिसमें सबसे ज्यादा कमी एंटीबायोटिक दवाओं में आई है, जिसमें करीब 25 प्रतिशत ही दवा बिक रही है। जिनका इस्तेमाल सामान्य वायरल बुखार, सर्दी, खांसी, जुकाम, बदहजमी, फूड पाइङ्क्षजग जैसी बीमारियों में होता है। मेडिकल स्टोर संचालकों के अनुसार निजी क्लीनिक बंद होने व कम लोगों के इलाज कराने के लिए आने के कारण ऐसी स्थिति बन रही है। मेडिकल स्टोर संचालक अवधबिहारी जडिय़ा के अनुसार जब लॉकडाउन शुरू हुआ था तब से हर माह करीब तीस से चालीस प्रतिशत तक दवाओं की बिक्री कम हो रही है। लोग केवल मास्क और सैनिटाइजर लेने के लिए ही आ रहे हैं। अभी मुख्य रूप से मेडिकल जो चल रहे हैं वह शुगर और बीपी की दवाओं की बिक्री से ही चल रहे हैं। इसके ठीक दूसरी तरफ इम्युनिटी बढ़ाने वाली आयुवेर्दिक दवाओं की डिमांड बढ़ गई है।
इन वजहों से घटी बिक्री
– ज्यादातर निजी क्लीनिक और अस्तपाल बंद।
– 30 जून तक जीवन रक्षक सर्जरी को छोड़कर सभी सर्जिकल मेडिकल सेवाएं प्रतिबंधित थीं।
– कोरोना के कारण ग्रामीण क्षेत्रों से भी लोग इलाज के लिए नहीं आ रहे हैं।
– डायबिटीज व हृदय रोग से संबंधित दवाएं भी लोगों ने कई दिनों की खरीदकर रख ली।
– सबसे मुख्य यह है कि लोगों का रुझान घरेलू, आयुर्वेदिक नुस्खों की ओर बढ़ा है। इसलिए सामान्य खांसी, जुकाम का इलाज दूध में हल्दी मिलाकर पीने जैसे उपाए लोग घरों में ही कर रहे हैं। इसलिए व एंटीबायोटिक दवाएं नहीं खरीद रहे हैं।