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गौर स्मारक पर नहीं जिम्मेदारों का ध्यान, ये है अन्य इमारतों का हाल

locationसागरPublished: Sep 08, 2018 12:45:01 pm

Submitted by:

sunil lakhera

करोड़ों रुपए खर्च करके भूला विवि प्रबंधन, हर निर्माण घटिया

Dr. Hari Singh Gaur Smarak The buildings are bad

Dr. Hari Singh Gaur Smarak The buildings are bad

सागर. डॉ. सर हरिसिंह गौर के सपनों के विश्वविद्यालय को वर्तमान प्रबंधकों ने भ्रष्टाचार का गढ़ बना दिया है। यहां पर होने वाले लगभग हर काम में विवि करोड़ों रुपए व्यय कर रहा है, लेकिन भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद कार्रवाई की दम नहीं जुटा रहे हैं। पत्रिका ने हालही में गौर स्मारक के हाल बताए थे जो महज के एक बिल्डिंग हैं, जबकि देखा जाए तो एेसे दर्जनों निर्माण कार्य हैं जिनसे भ्रष्टाचार की बू आ रही है। हालात यह है कि करोड़ों रुपए व्यय कर तैयार हो रहे इन भवनों, सड़कों बाउंड्रियों की गुणवत्ता इतनी कमजोर है कि वे साल दो साल भी नहीं टिक पा रहे हैं।
इनमें भी पड़ रहीं दरारें
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केमिस्ट्री विभाग के पीछे बनाए गए लेक्चर हॉल, प्रशासनिक भवन के करीब बने नए नए कुलपति कार्यालय, नया गेस्ट हाऊस, गौर भवन में बना गेस्ट हाउस, विभागों के बाहर बनाई गई बाऊंड्री सहित कई और छोटे-बड़े काम विवि प्रबंधन की कार्यशैली बयां कर रहे हैं।
बैकफुट पर प्रबंधन
इन सभी मामलों को विवि के कुलपति प्रो. आरपी तिवारी से लगातार तीन दिन तक बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। कुलपति तिवारी का इस तरह से बात करने से बचना उनके बैकफुट पर होने की पुष्टि कर रहा है।
विवि और स्थानीय लोगों ने भी साधा मौन
विवि के संस्थापक सर गौर को लेकर बड़ी बड़ी बातें करने वाले लोगों को भी अनियमितताओं की जानकारी है, लेकिन उसमें हो रहे घटिया निर्माण और भ्रष्टाचार की बात आती है तो जिम्मेदार मौन धारण कर लेते हैं। एेसा पहली बार नहीं हुआ है जब विवि प्रबंधन घपला-घोटाले और भ्रष्टाचार के खुलासों के बाद बैकफुट पर आया है, इसके पहले भी एेसे कई नजीर सामने आ चुके हैं। हैरत की बात तो यह है कि शहर को जागरूकता का पाठ पढ़ाने वाले और सर गौर को आदर्श व भगवान मानने वाले संगठन और शहरवासी भी इसके खिलाफ आवाज नहीं उठा रहे हैं, यही कारण है कि विवि में एक के बाद एक नए-नए भ्रष्टाचार सामने आ रहे हैं, जबकि पूर्व में यह देखने में आया है कि शहरवासियों के विरोध के आगे तत्कालीन विवि प्रबंधन ने व्यवस्थाओं में सुधार तो किया ही है साथ ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी की है।
यह हैं कुछ नजीर
गौर स्मारक- डॉ. सर गौर की जन्म स्थली शनीचरी पर करीब तीन करोड़ रुपए की लागत से बनाए गए गौर स्मारक की इमारत 9 माह भी अपनी चमक बरकरार नहीं रख सकी है।
न्यू बॉयज हॉस्टल- 24 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट में आधा-अधूरा काम हुआ है और बीते करीब छह माह से काम बंद है, जिसके कारण बिल्डिंग की हालात खराब होती जा रही है।
नेनो टेक्नॉलाजी लैब- नेनो टेक्नॉलाजी के हाल भी इसी तरह हैं जिसमें विवि ने 20 से 22 करोड़ रुपए एजेंसी को भुगतान कर दिया है, लेकिन बीते दो-ढाई साल से निर्माण कार्य बंद होने के कारण स्थिति जर्जर हो चुकी है।
घाट रोड- पॉलिटेक्निक कॉलेज की ओर से विवि के लिए जाने वाले घाट रोड का निर्माण कार्य की धीमि गति लोगों के लिए मुसीबत बनी हुई है। करीब १३ करोड़ रुपए लागत की इस सड़क का काम सालों बाद अधूरा पड़ा हुआ है।

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