सागरPublished: May 10, 2021 09:14:56 pm
sachendra tiwari
पंचायत, पीएचइ विभाग नहीं दे रहा ध्यान
Dry water sources
बीना. ग्रामीण क्षेत्रों में गर्मियों में पानी किल्लत होने लगती है, इसके बाद भी पूर्व से ही जिम्मेदारों द्वारा तैयारी नहीं की जाती है। कई गांवों में लोग बूंद बूंद पानी के लिए तरसते हैं। वहीं दूसरी तरफ २०२२ तक हर घर में पानी पहुंचाने का दावा किया जा रहा है, लेकिन जलस्रोतों के अभाव में यह दावा पूरा होता नजर नहीं आ रहा है।
ग्राम बिहरना में कुआं से पानी सप्लाई होता है, लेकिन कुआं का जलस्तर गिर जाने के कारण गांव के कई हिस्सों में पानी ही नहीं पहुंच पा रहा है। इसके बाद भी पंचायत या पीएचइ विभाग द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जबकि पीएचइ द्वारा चार नए ट्यूबवेल भी कराए गए हैं और इनमें पानी भी पर्याप्त है। यदि मोटर डालकर पानी सप्लाई किया जाए तो ग्रामीणों की परेशानी हल हो सकती है। गांव के संतोष नामदेव ने बताया कि कुएं का पानी कम होने के कारण मंदिर तक भी पानी नहीं आ पाता है, जिससे आसपास के कुओं से पानी लाना पड़ रहा है। तुलसी अहिरवार ने बताया कि हरिजन मुहल्ला में नलजल योजना का पानी नहीं आ रहा है और हैंडपंप दम तोड़ चुके हैं। हैंडपंप पर पानी के लिए एक बाल्टी पानी के लिए भी मशक्कत करनी पड़ती है। ग्रामीणों ने नलजल योजना से पानी सप्लाई की व्यवस्था करने की मांग की है। गांव में बनी पानी की टंकी से भी आज तक सप्लाई नहीं हुई है, यदि टंकी से सप्लाई हो तो पूरे गांव में प्रेशर से पानी पहुंचेगा।
अन्य गांवों में भी पानी की किल्लत
बिहरना सहित चमारी, बरोदिया, सेमरखेड़ी, ढांड़, रामपुर, गिरोल, ढिमरौली सहित अन्य गांवों में भी पानी की किल्लत बनी हुई है। लोग कई किलोमीटर दूर से पानी लाने के लिए मजबूर हैं। कुछ गांवों में नलजल योजनाएं तो हैं पर बंद पड़ी हैं। रामपुर में ट्यूबवेल की मोटर नहीं बदली जा रही है और न ही पूरे गांव में लाइन डाली जा रही है।
एजेंसी द्वारा किया जाना कार्य
हर घर तक पानी पहुंचाने की योजना के तहत बिहरना में चार ट्यूबवेल कराए गए हैं, लेकिन इसकी बिजली फिटिंग, मोटर डालने सहित अन्य कार्य एजेंसी द्वारा किया जाना है और इसके लिए टैंडर होना है। इस कार्य में अभी कुछ माह लग जाएंगे। वर्तमान में वैकल्पिक व्यवस्था पंचायत को करना चाहिए।
एडी तिवारी, सबइंजीनियर, पीएचइ