scriptपहले बारिश से सोयाबीन का बीज हुआ खराब, अब बारिश रुकने से बढ़ी किसानों की चिंता | Economic loss to farmers | Patrika News

पहले बारिश से सोयाबीन का बीज हुआ खराब, अब बारिश रुकने से बढ़ी किसानों की चिंता

locationसागरPublished: Jul 10, 2020 08:26:51 pm

Submitted by:

sachendra tiwari

किसानों हो रहा आर्थिक नुकसान

Economic loss to farmers

Economic loss to farmers

बीना. मौसम के मार से किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। पहले लगातार बारिश के कारण बीज खराब हो गया था, जिससे किसानों को दूसरी बार बोवनी करनी पड़ी और अब बारिश रुकने ने किसानों की चिंता बढ़ा दी हैं। बारिश न होने के कारण फसलों पर प्रभाव पड़ रहा है। साथ ही दूसरी बार बावेनी करने वाले किसानों के बीज का अंकुरण भी नहीं हो रहा है।
जून माह में हुई बारिश के पहले किसानों ने गहरी बोवनी कर दी थी, जिससे ज्यादा दिनों तक बारिश न होने की स्थिति में अंकुरण अच्छा हो, लेकिन बोवनी करते ही लगातार बारिश होने के कारण बीज मिट्टी में दबकर खराब हो गया था। इसके बाद लगातार बारिश को देखते हुए किसानों ने दूसरी बार कम गहराई पर बोवनी कर दी, लेकिन अब बारिश रुक जाने के कारण किसानों की चिंता बढ़ गई है। जो फसल खेतों में लहलहा रही है वह बारिश न होने के कारण सूखने की कगार पर है तो जिन किसानों ने कम गहराई पर बोवनी की थी उस बीज का अंकुरण भी सही नहीं हुआ है। बार-बार बदल रहे मौसम ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि बोवनी में लागत लग चुकी है। साथ ही बारिश न होने पर कीटों का प्रभाव बढ़ेगा और किसान खरपतबार नाशक दवाओं का छिड़काव भी नहीं कर पाएंगे। क्योंकि खरपतपार नाशक दवा डालने के लिए नमी जरूरी होती है।
43 हजार हेक्टेयर में हुई है बोवनी
इस वर्ष खरीफ फसल की बोवनी किसानों ने 43 हजार हेक्टेयर में की है, जिसमें सोयाबीन का रकबा सबसे ज्यादा है और बारिश न होने पर सोयाबीन की फसल को नुकसान होने लगता है।
पचास से साठ प्रतिशत तक हो रहा अंकुरण
किसान मुकेश पटेल ने बताया कि दूसरी बार किसानों ने कम गहराई पर बोवनी की है और उसके बाद से बारिश रुकी हुई है, जिससे करीब पचास से साठ प्रतिशत ही अंकुरण हो रहा है। कम गहराई पर बोवनी करने के बाद बारिश तेज होने पर ही अंकुरण अच्छा होता है और कम बारिश में बीज खराब होने की संभावना रहती है।

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