धड़ल्ले से चल रहे काम, नहीं चेते तो पीने के पानी को भी तरसेंगे लोग
सागर•Mar 06, 2019 / 08:36 pm•
anuj hazari
Even after the floods in the summer did not stop the revocation
बीना. शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में धड़ल्ले से नवनिर्माण कार्य चल रहे हैं, जिनकी तराई के लिए हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है, लेकिन फिर भी प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। यदि प्रशासन ने जल्द ही इस ओर कोई सख्त कदम नहीं उठाया तो आने वाले कुछ ही समय में शहर के लोगों के लिए पीने के पानी के लिए परेशान होना पड़ेगा। जनवरी से ही पानी का संकट गहराने लगा था और अब मार्च शुरू हो गया है। फिरभी प्रशासन ने कोई सख्त कदम इस ओर नहीं उठाया है। ब्लॉक के कई गांव जो नदियों के सीधे संपर्क में नहीं हैं वहां पर पीने के पानी के लिए भी लोग परेशान होने लगे हैं। जिन्हें आने वाली भीषण गर्मी में पानी कैसे मिलेगा यह सोचने वाली बात है। शहर की प्यास बुझाने वाली बीना नदी में भी दिनों दिन तेजी से पानी कम हो रहा है। वहीं पानी बचाने के लिए शहर में सामाजिक संगठनों द्वारा भी लोगों को अगाह नहीं कराया जा रहा। शहर में कई जगहों पर सरकारी बिल्ंिडग व सड़क, नालियों का निर्माण किया जा रहा है। जिनकी तराई के लिए पानी की जरुरत पड़ती है। क्योंकि बिना तराई के निर्माण कार्य सही नहीं हो पाते हैं। इसलिए प्रशासन के लिए सबसे पहले सरकारी निर्माण कार्यों पर रोक लगानी चाहिए तब कहीं जाकर निजी निर्माणों पर रोक लगाई जा सकती है।
नदियों से हो रही सिंचाई
शहर की प्यास बुझाने वाली बीना नदी से सैकड़ों किसान रात-दिन पानी की मोटरें लगाकर खेतों की सिंचाई कर रहे हैं। जबकि इनपर रोक लगाकर कार्रवाई भी की जानी थी। जिन किसानों ने लेट बोवनी की थी उन्हें अभी पानी की जरुरत हैं इसलिए वह सिंचाई करने से पीछे नहीं हट रहे हैं।
खनन पर भी नहीं रोक
जलसंकट की आहट के बाद भी प्रशासन ने नलकूप खनन पर रोक नहीं लगाई है। जिसके कारण लोग गर्मियां लगने के बाद भी धड़ल्ले से नलकूप खनन करके धरती का सीना छलनी कर रहे हैं और प्रशासन मूकदर्शक बनकर देख रहा है।
इस संबंध में नहीं मिले हैं आदेश
इस संबंध में अभी कलेक्टर कार्यालय से कोई आदेश प्राप्त नहीं हुए हैं। जैसे ही आदेश प्राप्त होते हैं नककूप खनन और निर्माण कार्यो पर रोक लगा दी जाएगी।
प्रशांत अग्रवाल, तहसीलदार, बीना