सागर

ब्रिटिश शासनकाल की वास्तुकला का नमूना एक्सीलेंस स्कूल अब ले रहा नया आकार

2016 में शुरू हुआ था बिल्डिंग निर्माण का कार्य, अब दिया जा रहा अंतिम रूप

सागरJan 04, 2019 / 01:09 pm

रेशु जैन

अंग्रेजों के जमाने की वास्तुकला का नमुना बना एक्सीलेंस स्कूल

सागर. शहर के गवर्नमेंट एक्सीलेंस हायर सेकंडरी स्कूल की बिल्डिंग ब्रिटिश शासनकाल की वास्तुकला का अद्भुत नमूना है। खास बात यह है कि नई बिल्डिंग बनाने में भी इस वास्तुकला का ध्यान रखा गया है। नए भवन का काम लगभग पूरा होने जा रहा है। वर्ष 2016 से शुरू हुआ यह काम 2019 में खत्म हो गया। लगभग तीन वर्ष में इस इमारत को बनाया गया है। स्कूल परिसर में पहले चरण में 20 कमरे बनाए गए हैं। इनमें आठ क्लास रूम हैं। 12 कमरे छात्रावास के लिए बनाए हैं। दूसरे चरण में चार क्लासरूम, दो कमरे, एक प्रिसंपल चैंबर और तीन ऑफिस चेंबर बनाए गए हैं। स्कूल में कुल 30 क्लास रूम रहेंगे। इसके अलावा स्मार्ट क्लास रूम, साइंस लैब, कैंटीन, स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स और हर मंजिल पर गार्डन भी बनाया जा रहा है, ताकि विद्यार्थियों के लिए सभी सुविधाएं एक ही परिसर में मिलें। इमारत बनाने के लिए जनभागीदारी से अभी 70 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। 153 लाख रुपए पीआइयू को खर्च करने हैं।

2016 से शुरू हुआ था काम
इमारत बनने का काम दिसंबर 2016 में शुरू हुआ था। इसके बाद परिसर में बने कमरों को गिराकर 28 कमरों का निर्माण कराया जा चुका है। प्राचार्य आरके वैद्य ने बताया पुरानी बिल्डिंग को गिराने में अधिक समय लगा है। कक्षाएं प्रभावित न करते हुए भवन निर्माण का कार्य चलाना पड़ रहा है। पहले छात्रावास बनाने की प्लान नहीं हुआ था, लेकिन 12 कमरे ज्यादा बनाए गए हैं। स्कूल में 21 की जगह अब 30 क्लास रूम होंगे। इसके साथ ही चार लैब, 10 सीटर कम्प्यूटर हॉल, 600 सीट की क्षमता का मैन हॉल और स्कूल के चारों कोने में चार टॉयलेट रहेंगे। अभी प्रमुखता से केवल क्लास रूम बनेंगे।

1827 में अस्तित्व में आया था स्कूल
वर्ष 1827 में यह स्कूल अस्तित्व में आया था। पहले इसका नाम ‘रॉबर्टसन स्कूल था। जो एक निजी भवन में संचालित होता था। इसके बाद इसे कटरा स्थित मोतीलाल नेहरू (म्युनिशिपल) स्कूल में शिफ्ट किया गया। 1916 के लगभग ब्रिटिश सरकार ने नगर निगम ऑफिस के सामने बिल्डिंग बनवाई ी। स्कूल को यहां शिफ्ट करते हुए इसका नाम रॉबर्टसन से बदलकर गवर्नमेंट हायर सेकंडरी स्कूल किया गया। पहले स्कूल परिसर में एक बावड़ी थी। जिसे 1977 में बंद कर उस पर मैदान बना दिया गया। स्कूल में सिंक मेड इन इंग्लैंड के लगे हुए थे और लैब में वुडन फ्लोरिंग थी।

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