डीएड की डिग्री पर लगा सफेदा, 10 से कर रहा था यहां नौकरी
सागरPublished: Aug 22, 2019 03:39:21 pm
डीएड की डिग्री पर लगा सफेदा, 10 से कर रहा था यहां नौकरी
Fake degree corruption teacher DEd deo
3 माह पहले डीइओ ऑफिस भेजे थे दस्तावेज
गढाकोटा. शास कन्या उच्चतर विद्यालय गढ़ाकोटा संकुल के अतंर्गत गुन्जौरा के हाईस्कूल में सहायक लैब टैक्नीशियन के मामले में चौकाने वाली जानकारी सामने आ रही है। इन जानकारियों को यदि सही माना जाए तो फिर जिला शिक्षा विभाग भी कठहरे में आ जाता है। ध्यान रहे कि एक व्यक्ति की १८१ पर शिकायत और फिर मामले के तूल पकडऩे पर पथरिया निवासी शिक्षक राजेश अहिरवार 20 दिन से स्कूल से गायब है। इसकी नियुक्ति 2009 में गुन्जौरा में वर्ग तीन में संविदा नियुक्ति हुई थी।
गुंजोरा के हाई स्कूल में पदस्थ शिक्षक अहिरवार की डीएड की डिग्री से संबंधित दस्तावेज और सेवा पुस्तिका संकुल से 25 मई को जिला शिक्षा अधिकारी को भेजे गए थे। तीन माह बीत जाने के बाद भी विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की है। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार पहले उच्च अधिकारियों द्वारा मामले को दबाने की भरपूर कोशिश की जा रही है। कन्या संकुल से राजेश अहिरवार द्वारा संविलियन हेतु अभी हाल में दो प्रतियों में अपनी फाइल जमा की गई थी। जब प्राचार्य अरुणा शास्त्री से उसकी फ़ाइल को मांगा गया तो पूरा रिकॉर्ड छानने के बाद भी वो नहीं मिली। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि विभाग के अंदर का अमला राजेश अहिरवार की करतूतों को ढकने में लगा हुआ है। सेवा पुस्तिका पर उसके द्वारा सभी प्रकार की योग्यता दर्ज रहती है लेकिन मिली खबर पर पता चला है कि सेवा पुस्तिका पर जो डीएड की योग्यता दर्ज है उस पर सफेदा लगाकर उसके द्वारा की गई करतूत को ढकने की कोशिश अधिकारियों के द्वारा की जा रही है। सवाल यह भी उठता है कि इतना लंबा समय बीतने के बाद भी विभाग दस्तावेजों के सत्यापन में देरी क्यों लगा रहा है। सवाल यह भी उठता है कि क्या अहिरवार की जांच जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में महीनों तक पेंडिंग पढ़ी रही या आरोपी को बचाने के हिसाब से तत्काल माध्यमिक शिक्षा मंडल को देर से भेजी गई। इस मामले में कन्या उच्चतर विद्यालय संकुल की प्राचार्य अरुणा शास्त्री ने कहा कि राजेश अहिरवार संकुल में इस्तीफा देने आए थे लेकिन मैनें उनसे कहा था कि आप जिला शिक्षा अधिकारी को इस्तीफा दें। शास्त्री ने बताया कि राजेश अहिरवार द्वारा सेवा पुस्तिका में डीएड होने की जो जानकारी उपलब्ध कराई गई थी वह मार्कशीट का सत्यापन हो गया है और वह मार्कशीट फर्जी पाई गई है।