दरअसल, रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़े जा चुके आदिम जाति कल्याण विभाग टीकमगढ़ के बाबू रतिराम अहिरवार ने फर्जी लोकायुक्त के उपनिरीक्षक से लुटने के बाद भोपाल लोकायुक्त में शिकायत की थी। जिसमें उसने स्पष्ट किया था कि टीकमगढ़ निवासी रामकुमार पिता भजनलाल विश्वकर्मा स्वयं को लोकायुक्त सागर का उप निरीक्षक होना बताते थे। उन्होंने मेरे रिश्वत के मामले में फंसने के बाद रफा-दफा कराने का आश्वासन दिया था। जिसके एवज में रुपए 5 लाख की रिश्वत मांगी गई थी। दो किश्तों में राशि रामकुमार उर्फ फर्जी लोकायुक्त उपनिरीक्षक तक पहुंचा दी जाती है, लेकिन न तो मामला रफा-दफा होता है और उसे किसी भी प्रकार की राहत मिलती नजर आती है। अब रिश्वत का आनंद ले चुके बाबू को संदेह होने लगता है।
पहले रिश्वत लेने और फिर खुद के दाग मिटाने के लिए रिश्वत देने के मामले मे फंस चुके आदिम जाति कल्याण विभाग के बाबू की स्थिति घर के भए न घाट के जैसी हो गई थी। ऐसे में क्या करें, समझना भी मुश्किल हो रहा था। जैसे-तैसे कर बाबू का उसके बेटे विजय अहिरवार ने हौसला बढ़ाया। फिर सागर लोकायुक्त से गुप्त तरीके से रामकुमार के बारे में जानकारी जुटाई गई। जहां से पता चलता है कि ऐसा कोई व्यक्ति लोकायुक्त में है ही नहीं। इतना सुनकर सभी सन्न रह जाते है। इस सच के सामने आने के बाद अब बाबू और उसके बेटे द्वारा मामले की शिकायत करने का मन बना लिया जाता है।
फर्जी उपनिरीक्षक को 5 लाख रुपए की रिश्वत देकर लुट चुके बाबू और उसके बेटे को अब सागर लोकायुक्त तक पर विश्वास नहीं रहा था। ऐसे में शिकायत करने का मन चुके बाबू के बेटे ने सागर में शिकायत न करते हुए सीधे भोपाल लोकायुक्त में मामले की शिकायत कर दी। 2 जनवरी को यह शिकायत की गई थी। इसके बाद गुरुवार की सुबह 10 बजे लोकायुक्त भोपाल की 7 सदस्यीय टीम ने फर्जी लोकायुक्त उप निरीक्षण रामकुमार विश्वकर्मा के घर पर दबिश दी। जहां रामकुमार भी पकड़ा गया। सुबह 10 बजे से लगातार दोपहर तक लोकायुक्त द्वारा कार्रवाई जारी रखी हुई है।
असली लोकायुक्त देख रामकुमार के उड़ गए तोते…
टीकमगढ़ में रहने वाला फर्जी लोकायुक्त उपनिरीक्षक रामकुमार के घर का सुबह 10 बजे गेट खुलते ही लोकायुक्त भोपाल डीएसपी अंजाम राठौर सहित 7 सदस्यीय टीम रेड मारती है। असली लोकायुक्त के घर में छापा पड़ते ही सब भौचक्का रह जाते है। यही नहीं मोहल्ले के लोग सबसे ज्यादा शॉक्ड होते हैं, क्योंकि वह भी इससे अनजान थे। सुबह से लगातार चल रही इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि लोकायुक्त के हाथ बड़े सबूत लग चुके हैं, जिसमें सागर लोकायुक्त को भी लेने के देने पड़ सकते हैं। अभी लोकायुक्त भोपाल द्वारा विस्तृत रिपोर्ट मीडिया के सामने प्रस्तुत नहीं की है, लेकिन बड़ा खुलासा होने की उम्मीद सभी को है।
टीकमगढ़ में रहने वाला फर्जी लोकायुक्त उपनिरीक्षक रामकुमार के घर का सुबह 10 बजे गेट खुलते ही लोकायुक्त भोपाल डीएसपी अंजाम राठौर सहित 7 सदस्यीय टीम रेड मारती है। असली लोकायुक्त के घर में छापा पड़ते ही सब भौचक्का रह जाते है। यही नहीं मोहल्ले के लोग सबसे ज्यादा शॉक्ड होते हैं, क्योंकि वह भी इससे अनजान थे। सुबह से लगातार चल रही इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि लोकायुक्त के हाथ बड़े सबूत लग चुके हैं, जिसमें सागर लोकायुक्त को भी लेने के देने पड़ सकते हैं। अभी लोकायुक्त भोपाल द्वारा विस्तृत रिपोर्ट मीडिया के सामने प्रस्तुत नहीं की है, लेकिन बड़ा खुलासा होने की उम्मीद सभी को है।
छतरपुर, टीकमगढ़ सहित अन्य जगहों पर फैला है गिरोह
डीएसपी अंजाम राठौर ने क्विक ब्रीफ करते हुए बताया कि फर्जी लोकायुक्त उप निरीक्षक वाली शिकायत सही निकली है। हम फिलहाल कार्रवाई में जुटे हुए है। जो भी प्राथमिक तथ्य सामने आए हुए है उसके आधार पर आरोप सही है। हां, गिरोह होने की भनक लगी है, जिसमें टीकमगढ़ और छतरपुर सहित अन्य जगहों के कुछ लोगों के नाम बताए गए है, लेकिन अभी कुछ स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है। सभी जगहों पर हम पहुंचकर कार्रवाई कर रहे है। जल्द ही बड़ा खुलासा करेंगे। फिलहाल दस्तावेज एकत्रित किए जा रहे है।
डीएसपी अंजाम राठौर ने क्विक ब्रीफ करते हुए बताया कि फर्जी लोकायुक्त उप निरीक्षक वाली शिकायत सही निकली है। हम फिलहाल कार्रवाई में जुटे हुए है। जो भी प्राथमिक तथ्य सामने आए हुए है उसके आधार पर आरोप सही है। हां, गिरोह होने की भनक लगी है, जिसमें टीकमगढ़ और छतरपुर सहित अन्य जगहों के कुछ लोगों के नाम बताए गए है, लेकिन अभी कुछ स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है। सभी जगहों पर हम पहुंचकर कार्रवाई कर रहे है। जल्द ही बड़ा खुलासा करेंगे। फिलहाल दस्तावेज एकत्रित किए जा रहे है।