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महिला थाना टीआइ नेहा गुर्जर ने बताया कि ऐसे कई मामले आते हैं, जिसमें विवाद की मुख्य जड़ मोबाइल होता है। कई मामलों में लड़की मोबाइल पर किसी से बात कर रही होती है, पति शक करता है और बाद में दोनों में तलाक की नौबत आ जाती है। परामर्श केंद्र में इन दिनों लगभग 80 मामलों में हर माह काउंसिलिंग हो रही हैं। जिनमें 50 फीसदी केस में आपस में समझाइश देकर समझौता करा दिया जाता है।
पति का किसी और से संबंध, नहीं देता खर्च
परामर्श केंद्र पर सागर के गोपालगंज क्षेत्र का मामला पहुंचा। जिसमें पत्नी को शक था कि उसके पति के किसी और साथ संबंध हैं, गृहस्थी चलाने भी उसे खर्च नहीं दिया जाता है। पत्नी ने कहा कि बच्चे हैं और पति को कोई चिंता नहीं है। अभी जब भी परेशानी आई तो मायके चली गई। पहली बार हिम्मत करके थाने आई हूं। यदि मुझे हर माह खर्च नहीं मिलेगा तो मैं सुसराल नहीं जाऊंगी। दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद आपस मैं समझौता कराया गया। केंद्र पर यह तय किया गया कि हर माह पति दो हजार रुपए देगा।
पिछले महीनों में केंद्र पर आए मामले
माह – परामर्श – राजीनामा – कायमी – कार्रवाई – सलाह – प्रोसिडिंग
जनवरी – 88 – 39 – 05 – 26 – 05 – 05
फरवरी – 64 – 26 – 03 – 22 – 01 – 10
माच – 62 – 23 – 26 – 04 – 07 – 00
अप्रैल – 84 – 42 – 21 – 15 – 06 – 00
पेंशन मिलती है और बहू सुनाती है ताने
सास-बहू की नोक-झोंक की वजह से पति-पत्नी में विवाद की स्थिती बन जाती है। परामर्श केंद्र पर विनीत जैन ने इस मामले को सुना। जिसमें सास की शिकायत थी कि हर माह उसे पेंशन मिल रही है फिर भी छोटी बहू ताने मारती है। दो वक्त की रोटी भी चैन से नहीं खा सकते हैं। ऐसे कैसे चलेगा। जैन ने बताया कि से सागर का मामला था। एक बड़ा बेटा आर्मी में है। ऐसे में बहु के लिए समझाया गया है कि वह अपने परिवार को बिखरने से रोके।