सागरPublished: Sep 19, 2020 09:26:23 pm
sachendra tiwari
कृषि विधेयक संशोधन का किसान जता रहे विरोध
Farmers are opposing the amendment of the Agricultural Bill
बीना. मंडी एक्ट और कृषि विधेयक में हुए संशोधन का किसानों द्वारा विरोध किया जा रहा है। इस विधेयक से किसानों को कोई लाभ नहीं होगा और कंपनियां मनमाने तरीके से किसानों की उपज खरीदेंगी और मंडी बोर्ड का भी कोई हस्ताक्षेप नहीं होगा, जिससे मंडियों को टैक्स नहीं मिलेगा।
टैक्स न मिलने से मंडी हो जाएंगी बंद
मंडी के बाहर खरीदी करने वाली कंपनियों को मंडी में टैक्स नहीं देना पड़ेगा, जिससे फिर मंडियां बंद होने की कगार पर भी आ सकती हैं, क्योंकि मंडी के व्यापारी फिर टैक्स देकर खरीदी ही नहीं करेंगे और यदि मंडी बंद होती हैं तो फिर कंपनियां मनमाने दाम पर खरीदी करेंगे।
मनोज जैन, किसान, हड़कल
किसानों के खिलाफ है विधेयक
यह विधेयक किसानों के खिलाफ है। कोरोना काल में ही जब सौदा पत्रक से व्यापारियों ने गांव-गांव जाकर खरीदी की थी तो मसूर 4 हजार रुपए क्विंटल में बिकी और मंडी खुलते ही दाम पांच हजार हो गए। मंडी में व्यापारी ज्यादा होने और नीलामी के कारण किसानों को दाम अच्छे मिल जाते हैं। यदि किसानों को लाभ देना है तो सरकार को दाम तय करने होंगे, जिससे व्यापारी उससे कम दामों में खरीदी न कर सकें।
नरेन्द्र सिंह ठाकुर, किसान, देहरी
पुरानी व्यवस्था ही रहे लागू
मंडी में जो पुरानी प्रक्रिया खरीदी की चली आ रही है वह किसान और व्यापारी के हित में हैं। नए विधेयक में किसानों को मनमानी का शिकार होना पड़ेगा। उन्हें उपज का बाजिव दाम भी नहीं मिलेगा। विधेयक लागू होने पर विरोध में प्रदर्शन किया जाएगा।
शिवम सिंह ठाकुर, किसान, पहलेजपुर