किसान सौरभ यादव पुत्र श्यामलाल यादव सोमवार को मकरोनिया स्थित निजी बैंक के कार्यालय पहुंचा था। उसने ऋण की किश्त जमा कराने और बैंककर्मियों द्वारा घर से उठाकर लाए गए ट्रैक्टर को वापस देने का कहा। किसान काफी देर तक बैंक शाखा में अधिकारियों से ट्रैक्टर और किश्त के बारे में बात करता रहा, लेकिन अधिकारी उसे टालते रहे। बाद में उसे बताया गया कि उसका ट्रैक्टर अन्य किसी व्यक्ति को नीलाम कर दिया गया है।
उसका कहना था कि बैंककर्मियों द्वारा लगातार परेशान करने, किश्त जमा कराने का दबाव बनाया जा रहा था। उसके घर से ट्रैक्टर उठाकर ले गए जबकि उसे इसका नोटिस तक नहीं दिया गया। जब वह किसी तरह किश्त जमा करने का इंतजाम करके बैंक पहुंचा तो उसे ट्रैक्टर बेचने की जानकारी देकर टाल दिया गया। किसान ने बताया कि जिस ट्रैक्टर के चक्कर में उस पर कर्ज चढ़ गया, जमीन भी बेचनी पड़ी और अब ट्रैक्टर भी बैंक नहीं दे रही। इसलिए जब बैंक के अधिकारी उसकी सुनवाई नहीं कर रहे तो उसे मजबूरी में पेड़ पर चढ़कर आत्महत्या करने के अलावा कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था। इस वजह से वह झांसी रोड स्थित पेड़ पर फंदा लगाकर आत्महत्या करने पहुंचा था।
इसकी खबर मिलने पर मकरोनिया थाने से पुलिस भी वहां आ गई। टीआइ जेपी ठाकुर ने किसान के पेड़ पर फंदा लगाने या उसके नीचे गिरने की आशंका को देखते हुए बात करते हुए उसे समझाते हुए शांत कराया गया। उसे बैंक अधिकारियों से बात कर टै्रक्टर दिलाने का आश्वासन देकर जेसीबी मशीन बुलाई गई। उसकी मदद से आरक्षक गजेन्द्र सिंह ठाकुर, भानु प्रताप, लवकुश, बृजेश विश्वकर्मा पेड़ पर चढ़े व किसान को नीचे उतारा। पुलिस ने जब इस संबंध में बैंक शाखा में संपर्क किया तो वहां से किसान पर ऋण की किश्त जमा नहीं कराने और इसी राशि की वसूली के लिए ट्रैक्टर नीलाम करने की जानकारी दी गई।