scriptदेखें वीडियो : प्याज के कम भाव मिलने पर भड़के किसान उतरे सड़क पर, तीन घंटे तक चला हंगामा | Farmers rampage and shut the auction | Patrika News

देखें वीडियो : प्याज के कम भाव मिलने पर भड़के किसान उतरे सड़क पर, तीन घंटे तक चला हंगामा

locationसागरPublished: Apr 22, 2019 09:34:21 pm

वायपास पर आधे घंटे तक लगाया जाम, तो मंडी का गेट ढाई घंटे तक नहीं खुलने दिया, नायब तहसीलदार व मंडी बोर्ड के सचिव की समझाइश के बाद शांत हुआ मामला।

Farmers rampage and shut the auction

Farmers rampage and shut the auction

सागर. कृषि उपज मंडी में चल रही प्याज की खरीदी में कम दामों को लेकर नाराज किसानों ने सोमवार को हंगामा कर दिया और सड़कों पर उतर आए। दोपहर करीब 12 बजे शुरू हुआ विवाद लगभग तीन घंटे के बाद प्रशासनिक अधिकारियों की समझाइश के बाद शांत हो सका। प्रदर्शन कर रहे किसानों का आरोप था कि प्रदेश की अन्य मंडियों की तुलना में प्याज के दाम आधे से भी कम मिल रहे हैं, इसमें व्यापारी और मंडी बोर्ड के कर्मचारी सांठगांठ कर किसानों को ठग रहे हैं। इसी बात से नाराज किसानों ने पहले तो मंडी में नीलामी बंद कराई और हंगामा करते हुए सड़क पर पहुंच गए।

तीन घंटे बंद रखा मंडी का गेट
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार किसानों ने सबसे पहले मंडी का मुख्य गेट बंद किया और फिर वायपास पर जमा हो गए, हंगामे की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची मोतीनगर पुलिस ने किसानों को सड़क से तो हटा दिया, लेकिन इसमें करीब आधा से पौन घंटे का समय लग गया। पुलिस के पहुंचने के बाद किसान सड़क से हटने के बाद मंडी के गेट पर जा पहुंचे और करीब ढाई घंटे तक हंगामा करते हुए मंडी का गेट नहीं खुलने दिया। हंगामा बड़ता देख सूचना जिला प्रशासन को दी गई जिसके बाद प्रशासन की ओर से मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार व कृषि उपज मंडी के सचिव की समझाइश के बाद मंडी का गेट खोला गया।

सीजन की सबसे ज्यादा हुई आवक
मंडी बोर्ड से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को मंडी में सीजन की सबसे ज्यादा आवक दर्ज की गई। अनाज व प्याज से लदे 11 सौ से ज्यादा वाहन मंडी पहुंचे थे, इसमें से करीब पांच सौ वाहन अकेले प्याज के थे। मंडी बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि सुबह से लेकर दोपहर तक तो सामान्य रूप से नीलामी चलती रही, लेकिन दोपहर करीब 12 बजे कुछ किसानों की मंडीकर्मी से दामों को लेकर बहस हो गई और किसानों ने हंगामा शुरू कर दिया। हालांकि मौके पर पहुंच कर प्रदेश की अन्य मंडियों से भी बात की गई, जिसमें पता चला कि वहां और यहां के भाव में विशेष अंतर नहीं है। यहां भी ढाई रुपए से लेकर करीब छह रुपए प्रति किलो के हिसाब से नीलामी हो रही है।

हर साल होता है हंगामा
यह पहली बार नहीं है कि जब किसानों ने प्याज के कम दामों को लेकर हंगामा किया हो, यह स्थिति प्राय: हर साल ही निर्मित होती है। बीते सालों में भी उचित दाम न मिलने से नाराज किसानों ने उग्र प्रदर्शन किया है, लेकिन इसके बाद भी स्थिति में सुधार नहीं आ रहा है। मंडी में जैसे ही प्याज की बंपर आवक शुरू होती है तो व्यापारी दाम गिरा देते हैं, नतीजतन किसान उग्र होकर प्रदर्शन करना शुरू कर देते हैं।

शाम 7 बजे तक नीलामी प्रक्रिया जारी रही
किसानों का आरोप था कि उन्हें दूसरी मंडियों की तुलना में कम दाम मिल रहे हैं। नायब तहसीलदार व मैंने किसानों व व्यापारियों से अलग-अलग चर्चा की जिसके बाद हंगामा शांत हो गया। सोमवार को शाम 7 बजे तक नीलामी प्रक्रिया जारी रही, लेकिन इसके बाद भी करीब डेढ़ सौ वाहन शेष रह गए हैं।

एके ताम्रकार, सचिव मंडी बोर्ड

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