सागरPublished: Feb 02, 2019 09:08:59 pm
sachendra tiwari
पिछले वर्ष थे आठ केन्द्र
Farmers will be in four centers, having less centers will be hassle
बीना. समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए किसानों को पहले पंजीयन कराना पड़ता है और यह पंजीयन सहकारी समितियों द्वारा किए जाते हैं। पिछले वर्ष आठ समितियों पर पंजीयन कराए गए थे, लेकिन इस बार सिर्फ चार समिति ही पंजीयन करेंगी, जिससे किसानों को परेशान होना पड़ेगा। पिछले वर्ष करीब दो हजार किसानों ने पंजीयन कराए थे। इस वर्ष संख्या और बढ़ सकती है। चार समितियां मंडीबामोरा, पिपरासर, गढ़ा पड़रिया, सेमरखेड़ी डिफाल्टर होने के कारण अब सिर्फ धनौरा, बीना विपणन समिति, भानगढ़ और सतौरिया केन्द्र पर पंजीयन और खरीदी होना है। केन्द्रों की संख्या कमने के कारण किसानों को पंजीयन के लिए परेशान होना पड़ेगा। पहले ज्यादा केन्द्र होने के कारण पंजीयन के लिए ज्यादा दूर नहीं जाना पड़ता था अब कई किलोमीटर दूर जाना पड़ेगा और समय भी अधिक लगेगा। यह पंजीयन समिति के अलावा कहीं दूसरी जगह नहीं कराए जा सकते हैं, जिससे किसानों को मजबूरी में समिति पर ही जाना पड़ेगा।
खरीदी के समय बढ़ जाएगी परेशानी
अभी पंजीयन के लिए किसान परेशान होंगे और बाद में गेहूं बेचने के लिए उन्हें कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी। क्योंकि केन्द्र कम होने के कारण समय पर तौल नहीं होगी, जिससे विवाद की स्थिति बनेगी। यदि खरीदी के समय केन्द्रों की संख्या नहीं बढ़ाईगई तो आए दिन केन्द्रों पर किसान प्रदर्शन करेंगे।
पच्चीस हजार हेक्टेयर में है गेहूं की बोवनी
इस वर्ष क्षेत्र में गेहूं का रकबा 24 हजार 905 हेक्टेयर है। जबकि पिछले वर्ष यह रकबा कम था। इस वर्ष करीब 500 हेक्टेयर रकबा बढ़ा है। गेहूं का रकबा बढऩे के कारण किसानों के पंजीयन की संख्या भी बढ़ेगी।
समितियों पर ही होंगे पंजीयन
गेहूं खरीदी के लिए जो समिति चयनित की गई हैं उन्हीं पर पंजीयन कराए जाएंगे। इसके अलावा कहीं भी पंजीयन नहीं हो सकते हैं।
जीएस रघुवंशी, सहायक खाद्य निरीक्षक