इसलिए हो रहे शॉर्ट सर्किट
अंचल में बिजली की लाइनें खेतों से होकर गुजरती हैं। रबी सीजन में फसलें फरवरी के बाद अप्रेल माह के बीच पकती हैं। इसी दौरान पछुआ हवाओं की गति तेज होती है और खेतों से गुजरे बिजली के झूलते तार आपस में टकराने से अथवा खंभों पर जोड़ ढीले होने से चिंगारियां उत्पन्न होकर गिरती हैं और यहीं पककर तैयार सूखी फसलों के बीच अग्नि दुर्घटना की वजह बन जाती हैं। इसके साथ ही तापमान में हुई वृद्धि और बिजली का लोड बढऩे पर भी तार टूटकर फसलों के जलने का कारण बनते हैं।
अग्निदुर्घटनाएं बनी किसानों की आफत
मध्यप्रदेश के हिस्से के बुंदेलखण्ड में सागर के अलावा टीकमगढ़, निवाड़ी, छतरपुर, पन्ना और दमोह जिलों में हर साल मार्च- अप्रेल माह में बड़ी संख्या में खेतों में आग लगने के मामले सामने आते हैं जिनमें लाखों रुपए की क्षति किसानों को होती है। वर्ष 2022 में दमोह जिले में 8, छतरपुर में 11, टीकमगढ़ और निवाड़ी जिलों में 33 जबकि सागर जिले में सर्वाधिक 45 अग्नि दुर्घटनाएं हुई हैं जिनमें खेतों में खड़ी गेहूं की फसलें राख हुई हैं। करीब 280 एकड़ रकबे में फसल जलने से किसानों को एक करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है। यह क्षति केवल शॉर्ट सर्किट से हुई अग्नि दुर्घटनाओं की है। संभाग के 6 जिलों में इसके बदले राजस्व विभाग द्वारा मिलने वाली क्षतिपूर्ति की राशि 20 फीसदी भी नहीं है।
शॉर्ट सर्किट की वजह से हुई प्रमुख अग्निदुर्घटनाएं
1. दमोह - तेजगढ़ के सोमखेड़ा में किसान देवेन्द्र पटेल के खेत में 1 अप्रेल को आग लगी और पूरी फसल राख हो गई। किसान के हाथ एक दाना भी नहीं आया। वहीं बनवार के मुआर में भी इसी दिन किसान जगत सिंह, भगत सिंह और कंछेदी रैकवार व एक अन्य किसान की 8 एकड़ फसल राख हो गई।
2. छतरपुर - जिले के सटई थानांतर्गत रोरा गांव में 5 अप्रेल को किसान दौलत यादव थ्रेसिंग की तैयारी कर रहे थे तभी खंभे से गिरी चिंगारियों ने गेहूं की लॉक को जला दिया। हरपालपुर में तोड़ी गांव के किसान प्रेमनारायण यादव के खेत में 6 अप्रेल को शॉर्ट सर्किट से आग लगी और फसल जल गई।
3. टीकमगढ़/ निवाड़ी - बल्देवगढ़ के एरोरा गांव में शॉर्ट सर्किट से कमलू लोधी के दो एकड़ की फसल खेत में ही जल गई। वहीं जतारा क्षेत्र के बैरवार निवासी किसान लखन सिंह दांगी के खेत में 4 अप्रेल को बिजली के तारों से गिरी चिंगारियों ने 5 एकड़ खेत में पककर तैयार गेहूं की फसल को राख में बदल दिया।
4. सागर - राहतगढ़ थानांतर्गत खजुरिया गांव में अप्रेल के पहले सप्ताह में किसान शिवनारायण तिवारी के खेत से गुजरे बिजली के तारों में हुई स्पॉर्किंग ने फसल में फूंक दिया। अप्रेल के पहले सप्ताह में कई किसानों की फसलें बिजली के शॉर्ट सर्किट की चपेट में आईं और किसानों की महीनों की मेहनत लपटों की भेंट चढ़ गई।
इनका कहना है
खेतों से गुजरी बिजली की लाइनों के नीचे सूखी फसल न रखें इसके लिए किसानों को समझाइश जी जाती है। बावजूद इसके किसान अनदेखी कर नुकसान उठाते हैं। कंपनी द्वारा लगातार बिजली की लाइनों- खंभों का रखरखाव किया जाता है, लेकिन गर्मियों में तापमान बढऩे से तार ढीले पड़ जाते हैं और हवा की गत अधिक होने से झूलते हैं। शॉॅर्ट-सर्किट की वजह से नुकसान न हो इसके लिए किसानों को जागरुक होना होगा। यदि अग्नि दुर्घटना में क्षति हुई है तो किसान क्षतिपूर्ति के लिए राजस्व विभाग के कार्यालयों में आवेदन कर सकते हैं।
-केएल, वर्मा, सीई, बिजली कंपनी सागर संभाग