scriptvideo: एक साथ पहुंचे पांच शव तो हर आंख हो गई नम, बच्ची ने दी मुखाग्नि, आरोपियों को फांसी की मांग | Five bodies reached together, each eye became moist | Patrika News

video: एक साथ पहुंचे पांच शव तो हर आंख हो गई नम, बच्ची ने दी मुखाग्नि, आरोपियों को फांसी की मांग

locationसागरPublished: Jun 22, 2019 09:45:11 pm

Submitted by:

sachendra tiwari

मामला गनेश वार्ड में जमीनी विवाद पर पांच हत्याओं का

Five bodies reached together, each eye became moist

Five bodies reached together, each eye became moist

बीना. एक जमीन के टुकड़े को लेकर शुक्रवार की रात गनेश वार्ड में हुए नरसंहार के बाद वार्ड के सभी लोग सहमे हुए हैं। पोस्टमार्टम के बाद शाम को पांचों शव वार्ड में पहुंचे तो हर आंख नम हो गई। उसमें एक दस वर्ष के मासूम बच्चे का भी शव था। इसके बाद अंतिम संस्कार के लिए पांचों शव नौगांव स्थित श्मशान घाट में पुलिस और परिजन लेकर पहुंचे। शवों का पीएम दो डॉक्टरों की पैनल ने किया, जिसमें दो-दो गोली के घाव बने हुए हैं और शरीर से कई छर्रे निकले। परिवार के लोग आरोपियों को फांसी की सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं।
शाम करीब 4 बजे मृतक संजीव, उसकी पत्नी राजकुमारी, बेटा यशवंत, भाई मनोज और बुआ ताराबाई का शव घर पहुंचा। शवों के पहुंचते ही परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों में चीख, पुकार मच गई और वहां उपस्थित जिन लोगों ने भी यह दृश्य देखा उनकी आंखें भी भर आईं। घटना के बाद से मौके पर भारी पुलिसबल तैनात था और शाम को पुलिस बल की मौजूदगी में ही पांचों शव अंतिम संस्कार के लिए श्मशानघाट ले गए। घटना के बाद रात में ही एएसपी विक्रम सिंह भी मौके पर पहुंच गए थे।
प्रशांत ने चलाई थी पहली गोली
मृतक संजीव की बहन रजनी ने बताया कि शाम को पहले जमीन को लेकर बहस होती रही और इसके बाद प्रशांत अचानक बंदूक लेकर आ गया और संजीव को दो गोलियां मारी। इसके बाद मनोज खाना खाने के लिए हाथ धोकर आ रहा था और उसके पेट और सिर में दो गोली मार दीं, जिससे वह जमीन पर गिर गया। इसके बाद दस वर्षीय बच्चा जब दरवाजे की ओर भागने लगा तो उसके लिए भी पेट और गले में गोली मारी। संजीव की पत्नी राजकुमारी के मुंह और पेट में दो गोलियां मारी थीं। प्रशांत और उसके बड़े भाई प्रवीण ने भी गोलियां चलाईं। दोनों के साथ आरोपियों का पिता मनोहर भी मौजूद था और उनके परिवार की महिलाएं भी उनका सहयोग कर रही थीं। गोली मारने के बाद भी जब आरोपियों का मन नहीं भरा तो डंडों से कई बार किए।
मनोहर ने मारी थी बहन को गोली
परिवार के लोगों ने बताया कि यहां परिवार के चार सदस्यों को मारने के बाद मनोहर बंदूक लेकर पास में ही रहने वाली बहन ताराबाई के यहां पहुंचा। उस समय ताराबाई घर के बाहर बैठी थी तभी मनोहर ने गोलियां दाग दी, जिससे वह बुरी तरह जख्मी हुई थीं और सागर ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई। मनोहर को अपनी बहन से इसलिए बुराई थी कि वह मनोज और संजीव को पेंशन के रुपए देती थी। क्योंकि ताराबाई की कोई संतान नहीं थी।
संजीव की बच्ची हो गई अनाथ
संजीव का एक बेटा और एक बेटी थी। बेटा यशवंत को आरोपियों ने गोली मार दी थी, जिससे उसकी मौत हो गई। बेटी चाहत जिसकी उम्र करीब सात वर्ष है और उसके सिर से मां-बाप का साया छिन गया। मनोज की तीन बेटियां संजना (14), महक (12) और माही (10) हैं।

मृतक मनोज की बेटी ने दी मुखाग्नि
घटना में संजीव के बेटा की मौत हो जाने के बाद अब दोनों भाईयों के बीच कोई लड़का नहीं बचा है और शनिवार को पांचों मृतकों के लिए मनोज की बेटी महक ने मुखाग्नि दी। पांचों मृतकों का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया।

मजदूरी कर चलाते थे परिवार का खर्च
संजीव और मनोज मजदूरी कर परिवार का खर्च चलाते थे। साथ ही उनका भांजा सौरभ भी साथ में रहता है जो स्टेशन पर स्टॉल पर काम करता है। वह भी परिवार चलाने में मदद करता था। जबकि आरोपी के परिवार में प्रवीण रेलवे में नौकरी करता है और पिता मनोहर को भी पेंशन मिलती है, लेकिन जुआ, सट्टा खेलने के कारण उनपर बहुत ज्यादा कर्ज हो गया था और पीछे की जमीन लेकर वह उसे बेचने की फिराक में थे। आरोपियों का दो मंजिला पक्का मकान भी बना हुआ है।

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कमरे में नहीं होते बंद तो सभी को मार देते आरोपी
संजीव की बहन रजनी ने बताया कि वह करीब आठ दिन पहले बीना अपने बेटा सौरभ से मिलने आई थीं। रात में जब यह घटना क्रम हुआ तो वह बच्चियों को लेकर एक कमरे में बंद हो गई नहीं तो आरोपी सभी की जान ले लेते। घटना के समय मनोज की पत्नी मौके पर नहीं थी वह सागर गई थी, जिससे उसकी भी जान बच गई।
बच्चों को खाना भी नहीं खिला पाई राजकुमारी
रात में घटना के समय राजकुमारी खाना बना रही थी और बच्चे खाना खाने के लिए बैठे हुए थे, लेकिन जब गोलियां चली तो राजकुमारी की जान चली गई और बच्चे भूखे बैठे हुए थे। पुलिस जब पहुंची तो चूल्हे में आग जलती मिली और आटा रखा हुआ था। घटना के बाद बच्चे भी वहीं जाकर बैठ गए थे।
फरार आरोपियों तक पहुंची पुलिस

प्रवीण, प्रशांत अपनी दोनों बहनों और मां के साथ घटना के बाद से ही फरार हो गए थे और पुलिस की टीम भी इनके पीछे तत्काल रवाना हो गई थी। इन दोनों आरोपियों को शनिवार दोपहर पुलिस ने नागपुर से गिरफ्तार कर लिया है और टीम आरोपियों को बीना लेकर आ रही है।
एक आरोपी को भेजा जेल
तीनों आरोपियों के खिलाफ धारा 307, 302, 34और 25, 27, 30 आम्र्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। बंदूक का लायसेंस मनोहर के नाम पर है और उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
अनिल मौर्य, थाना प्रभारी, बीना

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