सागर

सशस्त्र बल की पांच कंपनियों सहित 1500 जवान संभालेंगे पहले चरण के चुनाव की सुरक्षा व्यवस्था

दो तारीखों में मतदान के कारण घटा पुलिस का दबाव

सागरApr 25, 2019 / 02:19 am

नितिन सदाफल

five companies of Armed Forces, will take the security of elections

सागर. दो लोकसभा क्षेत्रों में बंटे जिले में दो तिथियों ६ और १२ मई को होने वाले मतदान की सुरक्षा की तैयारियां पुलिस ने लगभग पूरी कर ली हैं। दमोह लोकसभा में शामिल जिले की तीन विधानसभा बण्डा, रहली और देवरी में ६ मई को मतदान के दौरान केंद्रों की सुरक्षा और पेट्रोलिंग के लिए करीब १५०० सशस्त्र और जिला पुलिस के जवान तैनात किए जाएंगे। वहीं १२ मई को जिले के पांच विधानसभा क्षेत्र नरयावली, सागर, सुरखी, खुरई और बीना में शांतिपूर्ण-निष्पक्ष मतदान संपन्न कराने के लिए सशस्त्र बल और पुलिस के दो हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी तैयार हैं। हांलाकि विधानसभा चुनाव की अपेक्षा इस बार जिले में बाहरी बल कम संख्या में उपलब्ध कराया गया है इसके बावजूद मतदान को लेकर राजनीतिक दलों में आपसी खींचतान और उम्मीदवारों के बीच स्थानीय प्रतिद्वंद्विता नहीं होने से जिला पुलिस भी रिलेक्स मोड में है।
एसपी अमित सांघी के अनुसार दमोह लोकसभा के तहत आने वाले जिले के बण्डा विस क्षेत्र के 291, रहली के 290 और देवरी विधानसभा के 254 मतदान केंद्रों पर 6 मई को मतदान होगा। इस चरण में जिले के 835 कुल मतदान केंद्रों पर मतदान संपन्न कराने के लिए जिला पुलिस और एसएएफ के करीब एक हजार और सशस्त्र बल की 5 कंपनियों के करीब पांच सौ जवान तैयार हैं। सशस्त्र बल के जवानों को केंद्रों पर तैनाती के अलावा पेट्रोलिंग का भी जिम्मा सौंपा गया है। पुलिस बल मतदान केंद्रों के साथ ही मोबाइल-सेक्टर दलों में शामिल होकर निगरानी करेंगे।
एसपी ने बताया कि जिले के ५ विधानसभा क्षेत्र नरयावली में २७०, सागर के २४५, खुरई के २५०, सुरखी के २६२ और बीना के २३२ केंद्रों पर १२ मई को मतदान होगा। इसके लिए जिला पुलिस व सशस्त्र बलों की कंपनियों सहित दो हजार से ज्यादा बल तैनात रहेगा।

पुलिस रिलेक्स
जिला पुलिस विधानसभा चुनाव के दौरान उम्मीदवारों की आपसी टसल के चलते शुरू से लेकर गणना तक चकरघिन्नी बनी रही थी। लोकसभा चुनाव में स्थानीय मुद्दे और उम्मीदवारों के बीच आपसी खींचतान न होने से इस बार थाना स्तर पर भी पुलिस रिलेक्स है जबकि विस चुनाव में संपत्ति विरुपण, आपसी शिकबे-शिकायतों ने पुलिस अधिकारी से लेकर सभी की मुश्किलें बढ़ा दी थीं।

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