वर्ष-1983 में नगर निगम बना था सागर सागर, नगरपालिका से नगर निगम वर्ष-1983 में बना था। शुरुआत में 35 वार्ड थे लेकिन जब नगर निगम सागर का दर्जा मिला तो वर्ष-1983 में ही परिसीमन के आधार पर 42 वार्ड हो गए। वर्ष-1992 में सागर नगर निगम में दूसरी दफा परिसीमन किया गया और वार्डों की संख्या 6 बढ़ाकर कुल 48 वार्ड हो गए। वर्ष-1992 से आज तक शहर की सीमा में कोई भी वृद्धि नहीं हुई है।
योजनाओं की बढ़ जाती राशिसागर नगर निगम क्षेत्र में वर्तमान में स्मार्ट सिटी योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, सीवर प्रोजेक्ट, वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट समेत अन्य पर काम चल रहा है। नगर निगम के विशेषज्ञों का कहना है कि यदि वर्ष-2019 में निगम का सीमा विस्तार हो गया होता तो जो गांव निकाय क्षेत्र में आते उन्हें भी इन योजनाओं का लाभ मिल जाता। वर्तमान में जो प्रोजेक्ट सागर को मिले हैं वे तय समय के लिए हैं।
मकरोनिया के कारण बनी सारी अव्यवस्था सागर शहर से सबसे बड़ा क्षेत्र उपनगरीय क्षेत्र मकरोनिया जुड़ा है। इस उपनगरीय क्षेत्र को खास वजह से शहर की सीमा से लगे होने के बावजूद अलग से नगरपालिका का दर्जा दे दिया और 18 नए वार्ड बना दिए। कई सालों से मकरोनिया को सागर में जोड़े जाने का प्रयास चल रहा था लेकिन एक निर्णय ने मकरोनिया का सागर से अलग कर दिया। मकरोनिया यदि सागर का हिस्सा होता तो स्मार्ट सिटी योजना में इस क्षेत्र में भी कई विकास कार्य हो सकते थे।
फैक्ट फाइल जिला सिटी एरिया सागर 49 सतना 71 उज्जैन 151 जबलपुर 263 ग्वालियर 289 भोपाल 463 इंदौर 525 नोट- एरिया वर्ग किलोमीटर में है।
फैक्ट फाइल-2 जिला जनसंख्या सागर 274556 सतना 280222 उज्जैन 515215 जबलपुर 1267562 ग्वालियर 1054420 भोपाल 1798218 इंदौर 1994397 नोट- वर्ष-2011 के अनुसार। निकट भविष्य में बढ़ेंगी सीमाएं
सीमा विस्तार या परिसीमन के लिए शासन के निर्देशों पर कार्रवाई करते हैं। पिछले वर्षों में इसके लिए ड्रॉफ्ट भी तैयार कर लिया था। जैसे ही कोई दिशा-निर्देश मिलेंगे तो निश्चित रूप से शहर की सीमाओं की वृद्धि की दिशा में कार्य किया जाएगा। – आरपी अहिरवार, निगमायुक्त