scriptमुआवजा के लिए किसान घुटने के बल चला, डंड भी भरी, अफसरों को फिर भी नहीं आई शर्म | For compensation, the farmer went on his knees, the baton was also | Patrika News

मुआवजा के लिए किसान घुटने के बल चला, डंड भी भरी, अफसरों को फिर भी नहीं आई शर्म

locationसागरPublished: Jan 27, 2022 12:14:58 pm

बिजली का करंट लगने से जून-2022 में हो गई थी गाय की मौत, कई बार काट चुका दफ्तरों के चक्कर, एक सप्ताह में मुआवजा न मिलने पर आत्मदाह की दी चेतावनी

मुआवजा के लिए किसान घुटने के बल चला, डंड भी भरी, अफसरों को फिर भी नहीं आई शर्म

मुआवजा के लिए किसान घुटने के बल चला, डंड भी भरी, अफसरों को फिर भी नहीं आई शर्म

सागर. मंगलवार को कलेक्टोरेट में आयोजित होने वाली जनसुनवाई में एक व्यक्ति को जब लोगों ने डंड भरते और नारे लगाते सुना तो दंग रह गए। जैसीनगर के ग्राम रमपुरा निवासी संदीप सिंह ठाकुर ने कलेक्टोरेट परिसर में वाहन स्टैंड से जनसुनवाई स्थल तक डंड भरे और बिजली कंपनी व जिला प्रशासन के अधिकारियों पर सुनवाई न करने के आरोप लगाए। संदीप ने कहा कि 4 जून 2020 को करंट की चपेट में आने से उसकी गाय की मौत हो गई थी। उसने इस मामले की शिकायत बिजली कंपनी और राजस्व अधिकारियों से की थी। इसके बाद उसने जनसुनवाई में भी तीन बार आवेदन दिए लेकिन पौने दो साल का समय बीतने के बाद भी उसकी सुनवाई नहीं हुई है और न ही अब तक मुआवजा राशि मिली है। पीडि़त ने जनसुनवाई कर रहे अधिकारियों को चेतावनी दी कि यदि एक सप्ताह में उसे मुआवजा राशि उपलब्ध नहीं कराई गई तो वह आत्मदाह करने के लिए मजबूर हो जाएगा।

बिजली कंपनी की हो कुर्की
संदीप ने कहा कि वह पेशे से किसान है और यदि किसान समय पर मोटर पंप या घर का बिल जमा नहीं कर पाते हैं तो बिजली कंपनी के अधिकारी उनके पंप, मोटर साइकिल तक जब्त कर लेते हैं। संदीप ने कहा कि अब जिला प्रशासन के अफसर बिजली कंपनी के अधिकारियों की कुर्की कराए और उसे मुआवजा राशि दिलवाए। किसानों की यह स्थिति पहली बार देखने को नहीं मिल रही है बल्कि इससे भी दयनीय स्थिति है। किसानों को कृषि संबंधी कार्य में बैंकों, जनपद, तहसीली जैसी जगहों पर भटकना पड़ता है। इस मामले में किसान संदीप ने साहस का परिचय दिया है जिसके बाद प्रशासन में हड़कंप की स्थिति बन गई है।

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