script

सिग्नल लगाकर भूल गए, चौराहों पर बंद पड़ी बत्तियां, स्मार्ट हो रहे शहर में अब भी पुराने ढर्रे पर व्यवस्था

locationसागरPublished: Oct 18, 2019 10:54:34 pm

मोतीनगर, तिली चौराहा और कंट्रोल रूम मार्ग पर चमक रहे ब्लिंकर

सिग्नल लगाकर भूल गए, चौराहों पर बंद पड़ी बत्तियां, स्मार्ट हो रहे शहर में अब भी पुराने ढर्रे पर व्यवस्था

सिग्नल लगाकर भूल गए, चौराहों पर बंद पड़ी बत्तियां, स्मार्ट हो रहे शहर में अब भी पुराने ढर्रे पर व्यवस्था

सागर. स्मार्ट सिटी के रूप में शहर के विकास के लिए नए-नए प्रयोग जारी है। चौराहों के आकार को व्यवस्थित करने, यातायात को नियंत्रित करने सिग्नल और सीसीटीवी कैमरे तो लगा दिए गए हैं लेकिन चार महीने से ज्यादा समय बीतने पर भी इन्हें शुरू नहीं किया जा सका है। चौराहों पर सिग्नल पर केवल पीली बत्ती ही चमकती रहती है। जबकि आधुनिक तकनीकी वाले सिग्नलों को प्रति जागरुकता लाने के लिए शुरू किया जा सकता है। लेकिन इस पर काम करने से स्मार्ट सिटी और ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी दोनों का ही ध्यान और रुचि नहीं है।

चौराहों के इंटीग्रेशन में हो रहा विलम्ब-

शहर के सिविल लाइन चौराहे के साथ ही कंट्रोल रूम चौराहा, तिली चौराहा, मोतीनगर चौराहा, भगवानगंज, तीन बत्ती व अन्य चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल लगाए जा रहे हैं। सिविल लाइन, तिली और कंट्रोल रूम चौराहे पर यह काम पूरा हो चुका है। सिविल लाइन को कंट्रोल कमांड सेंटर से लिंक करने का काम भी अंतिम दौर में है। लेकिन अत्यधिक बरसात के कारण स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा चौराहों पर सिग्नल और उसके इंटीग्रेशन का काम पिछड़ गया है।

सिग्नल द्वारा कर सकते हैं लोगों को प्रशिक्षित –

सागर में एकमात्र सिविल लाइन चौराहे पर ही ट्रैफिक सिग्नल चालू हैं अन्य चौराहों पर ट्रैफिक व्यवस्था लोगों स्वयं तय करते हैं। इस वजह से अधिकांश चौराहों पर अकसर जाम और विवाद की स्थिति बनती है। स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा चौराहों पर लगाए गए ट्रैफिक सिग्नल प्रारंभिक रूप से शुरू किए जाते हैं तो यह लोगों की मानसिकता को बदलने वाला प्रयास हो सकता है। कुछ दिनों तक सिग्नल नियंत्रित व्यवस्था से गुजरने पर वाहन चालक इसके लिए पहले से तैयार हो जाएंगे और शहर में एक साथ सिग्नल शुरू होने पर वे असहज महसूस नहीं करेंगे।

मकरोनिया में दो साल से अनुपयोगी सिग्नल –

जहां एक ओर स्मार्ट सिटी सागर में चौराहों पर सिग्नल व इंटीग्रेशन का काम कछुआ चाल चल रहा है वहीं मकरोनिया में तो स्थिति और भी गंभीर है। नगर पालिका और ट्रैफिक पुलिस द्वारा एक निजी एजेंसी की मदद से दो साल पहले सिग्नल लगवाए थे। पहले तो सिग्नल लगाने को लेकर नगरपालिका और एजेंसी में खींचतान चलती रही। दोनों में सामंजस्य बनने पर सिग्नल लग गए तो लेकिन अब उन्हें शुरू कराने का मामला कहां अटक गया यह किसी को नहीं पता। नपा, ट्रैफिक पुलिस और एजेंसी की अपनी-अपनी दलीलें हैं लेकिन अंतत: लोग सिग्नल नियंत्रित ट्रैफिक व्यवस्था से वंचित हैं।

वर्जन –

सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में इस मामले में चर्चा हुई थी। बरसात के कारण सड़क पर जेब्रा कॉसिंग की माॢकंग नहीं हो पा रही थी। ट्रैफिक पुलिस से बात हो गई है जल्द सिग्नल शुरू कराएंगे।

बीएस चौहान, सीएमओ नपा मकरोनिया

वर्जन-

शहर के सभी सिग्नल को कमांड सेंटर से इंटीग्रेटेड किया जा रहा है। सिविल लाइन चौराहे पर यह काम पूरा होते ही कर्मचारियों को प्रशिक्षण देकर अन्य चौराहों पर भी सिग्नल शुरू किए जाएंगे।

राहुल सिंह, सीइओ स्मार्ट सिटी सागर

ट्रेंडिंग वीडियो