सागरPublished: Nov 16, 2018 08:47:51 pm
sachendra tiwari
सैम्पल ही नहीं हो पा रहे पास, किसान परेशान
Four quintals of udad purchased at support price centers
बीना. समर्थन मूल्य पर उड़द की खरीदी इस बार मजाक बनकर रह गई है। समर्थन मूल्य केन्द्र तो खुल गए हैं, लेकिन खरीदी नहीं हो रही है। अभी तक सिर्फ दो केन्द्रों पर दो-दो क्विंटल उड़द की खरीदी हुई है। खरीदी न होने के पीछे अब उड़द की गुणवत्ता ठीक न होना बताया जा रहा है। पहले केन्द्रों के चयन, फिर तकनीकी कमियों के चलते खरीदी शुरू नहीं हो पाई थी और अब गुणवत्ता सही न होने के बात कहकर किसानों को बैरंग लौटाया जा रहा है। किसान समर्थन मूल्य केन्द्रों से पूरी तरह परेशान हो चुके हैं। किसानों ने परेशान होकर उड़द मंडी में बेचना शुरू कर दिए हैं, जिससे उन्हें दाम कम मिल रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार अभी तक धनौरा और कंजिया केन्द्र पर दो-दो क्विंटल उड़द की खरीदी हुई है। इसके अलावा अन्य केन्द्रों पर खरीदी शुरू नहीं हो पाई है। जबकि क्षेत्र में 10 हजार 495 किसानों ने पंजीयन कराए हैं।
सैम्पल लेकर लिख रहे रजिस्टर पर नाम
किसान जब केन्द्र पर सैम्पल लेकर पहुंचते हैं उनकी एंट्री रजिस्टर पर कर ली जाती है और सर्वेयर सैम्पल चैक करता है, जिसमें गुणवत्ता ठीक न होने की बात कहकर फेल कर दिया जाता है। सैम्पल फेल होने पर आपत्ति भी दर्ज कराई जा रही है कि अच्छे उड़द को गुणवत्ताहीन बताया जा रहा है। इसकी शिकायत भी एसडीएम से की जा चुकी है।
किसानों ने कहा बनाया जा रहा मूर्ख
इस संबंध में किसानों ने बताया कि उड़द को भावांतर की जगह समर्थन मूल्य में करके मूर्खबनाया जा रहा है। यदि इसके भावांतर में शामिल करते तो बोनस देना पड़ता, क्योंकि व्यापारी उड़द खरीद रहे हैं। किसानों को रुपए न देना पड़े इसके लिए समर्थन मूल्य में इसे शामिल कर अब गुणवत्ता ठीक न होने की बात की जा रही है। क्योंकि पिछली बार समर्थन मूल्य और भावांतर में बेची गई उपज की राशि अभी तक कई किसानों के खातों में नहीं आ पाई है।
सर्वेयर द्वारा किए जा रहे सैम्पल चैक
किसान जो सैम्पल लेकर आ रहे हैं उनकी रजिस्टर में एंट्री की जा रही है और यह सैम्पल सर्वेयर द्वारा चैक किए जा रहे हैं। गुणवत्ता सही न होने पर सैम्पल फेल हो रहे हैं। इस वर्ष बारिश से उड़द की फसल प्रभावित हुई है।
जीएस रघुवंशी, सहायक खाद्य अधिकारी