रेलवे में वर्ष 2013 का है मामला, 10 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया
सागर•Aug 01, 2018 / 10:11 am•
sunil lakhera
Fraud on the name of job 3 years sentenc
सागर. बेरोजगार युवक को रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले एक आरोपी को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी एमपी सिंह की अदालत ने 3 वर्ष के कठोर कारावास और 10 हजार के अर्थदंड की सजा से दंडित किया है। मामले में एक आरोपी की मौत हो चुकी है, जबकि मुख्य आरेापी सहित एक अन्य आरोपी अभी भी फरार हैं।
जिला लोक अभियोजन के मीडिया प्रभारी ब्रजेश दीक्षित ने बताया कि फरियादी खिलान सिंह निवासी बाछलोन जिला सागर ने जून 2003 में रेल्वे पुलिस जबलपुर मंडल में नौकरी हेतु आवेदन किया था।
फरियादी के रिश्तेदार पप्पू पटेल निवासी ग्राम बांजर बामौरा थाना बहेरिया के माध्यम से फरियादी की मुलाकात आरोपी ओंकार प्रसाद सोलंकी, प्रताप सोलंकी, राकेश दुबे, देवेन्द्र रजक से हुई। मुख्य आरोपी ओंकार प्रसाद सोलंकी ने अपनी पहचान मंत्री-नेताओं से होने की बात करते हुए फरियादी को नौकरी दिलाने के एवज में २ लाख रुपयों की मांग की। जिसमें से डेढ़ लाख रुपए फरियादी ने 27 जून 2003 को आरोपी दिए।
बाकी के ५० हजार रुपए नौकरी लगने के बाद देेना तय हुआ। इसके बाद आरोपी ओंकार एक फर्जी चयनित मैरिट सूची लेकर आया, जिस पर सरल क्रमंाक 16 पर फरियादी का नाम अंकित था। जिसे दिखाकर आरोपी ने 50 हजार रुपए और ऐंठ लिए।
बाद में नियुक्ति पत्र प्राप्त न होने पर और रुपए वापिस न मिलने पर फरियादी ने एसपी सागर के समक्ष एक आवेदन प्रस्तुत कर कार्रवाई की मांग की।
पांच-पांच हजार रुपए जुर्माना भी
बहेरिया थाना पुलिस ने आवेदन की जांच कर आरोपियों के विरुद्ध भादवि की धारा 420, 467, 468, 471 के तहत मामला दर्ज कर चालान न्यायालय में पेश किया। मामले की जांच दौरान आरोपी राकेश दुबे की मौत हो गई, वहीं प्रताप सहित मुख्य आरोपी ओंकार सिंह सोलंकी विचारण दौरान फरार हो गया। मामले के विचारण उपरांत आरोपी देवेन्द्र रजक को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी एमपी सिंह की अदालत ने दोषी ठहराते हुए आरोपी को धारा 420 एवं 468 में 3-3 वर्ष एवं 5-5 हजार जुर्माने और धारा 465 में एक वर्ष के कठोर कारावास की सजा से दंडित किया है। अभियोजन की ओर से मामले की पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी अमित जैन ने की।