प्यार में बदल गई दोस्ती
अगरबत्ती डीलर राहुल चउदा बताते हैं कि पत्नी शिल्पी से उनकी पहली बार मुलाकात एक रिश्तेदार की शादी में हुई थी। यहीं दोनों में दोस्ती हुई। फिर चार साल बाद दोस्ती का रिश्ता प्यार में बदल गया और दोनों ने शादी कर ली। राहुल बताते हैं कि हर साल फ्रेंडशिप-डे उनके लिए खास होता है। जैसे-जैसे वर्ष गुजरते जा रहे हैं, वैसे-वैसे प्यार के साथ दोस्ती गहराती जा रही है।
दोस्ती के लिए छोड़ी नौकरी
शहर के बाटु दुबे, रानू यादव, सुरेन्द्र ठाकुर का नाता 26 साल से है। तीनों आज अलग-अलग व्यापार और नौकरी कर रहे हैं लेकिन इनकी दोस्ती अटूट है। एक ही स्कूल में पढ़ाई करने के बाद तीनों ने पहले ही शहर के लिए कुछ करने का मन बना लिया था। बाटु दुबे ने बताया कि पढ़ाई के बाद नौकरी के लिए इंदौर और पुणे पहुंच गए लेकिन दोस्तों के लिए नौकरी भी छोड़ दी। अब यहां सभी मिलकर गौसेवा का काम कर रहे हैं।
पिकनिक स्पॉट्स पर रही भीड़
फे्रंडशिप-डे की खासियत यह है कि यह रविवार को होता है। छुट्टी का दिन रहने की वजह से पिकनिक स्पॉट्स पर काफी भीड़ रही। राजघाट, राहतगढ़ वाटर फॉल, लाखा बंजारा झील और गढ़पहरा सहित अन्य स्थानों पर लोग इस दिन को एन्जॉय करने पहुंचेंगे। इसके अलावा शहर के रेस्टोरेंट और होटल में तैयारी की गई हैं। यहां युवाओं के लिए भी खास तैयारी की गई थी।
फ्रेंडशिप डे क्यों मनाते है
अगस्त के पहले रविवार को हमारे यहां फ्रेंडशिप-डे मनाया जाता है, लेकिन दक्षिण अमेरिकी देशों में जुलाई के अंत में इसे मनाते हैं। बांग्लादेश व मलेशिया में डिजिटल कम्यूनिकेशंस के तहत यह दिन ज्यादा चर्चित हो गया है। यूनाइटेड नेशंस ने भी इस दिन पर अपनी मुहर लगा दी थी।