सागरPublished: Sep 09, 2018 05:25:37 pm
manish Dubesy
गणेशोत्सव 13 सितंबर से शुरू होकर 22 सितंबर तक मनाया जाएगा, बन रहा संयोग
Ganeshotsav till September 13-22 Earthy Ganesha
सागर. शहर में 10 दिन तक चलने वाले गणेशोत्सव को धूमधाम से मनाने के लिए तैयारी शुरू हो गई है। गणेश चतुर्थी पर्व शुरू होने में 4 दिन शेष होने से शहर के कई संगठनों द्वारा गणेशोत्सव को लेकर पंडाल निर्माण, साज-सज्जा के लिए काम शुरू कर दिया है।
पं. शिवप्रसाद तिवारी ने बताया कि गणेशोत्सव 13 सितंबर से शुरू होकर 22 सितंबर तक मनाया जाएगा। जबकि 23 सितंबर को प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा। इस बार खास बात यह है कि 13 सितंबर को ही गुरु-स्वाति योग भी बन रहा है। कलाकार विभिन्न ऊंचाई की प्रतिमाओं को आकार देने में जुटे हुई हैं। इनकी बुकिंग भी की जा चुकी हैं। इस बार पर्यावरण संरक्षण के लिए मिट्टी के गणेश की ज्यादा मांग है। मूर्तिकार भी मिट्टी के गणेश बना रहे हैं। बंगाल के मूर्तिकार भोलानाथ पाल बताया कि शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर मिट्टी के ही गणेश प्रतिमाओं की स्थापना होगी। इस बार गणेश उत्सव समितियों ने डिजाइन देकर मूर्तियों को तैयार कराया है।
घर में करें मिट्टी के गणेश की स्थापना
गणेश उत्सव पर घर घर गणेश प्रतिमा विराजेंगी। धर्म की बात करें तो उसमें भी माटी की मूर्ति को ही पूज्य बताया गया है। ऐसे में आप भी मिट्टी के गणेश ही घर पर बैठाएं। यह आसानी से घर पर ही बनाए जा सकते हैं। पं. मनोज तिवारी ने बताया कि आए दिन कलह क्लेश होते हैं तो गणेशजी की प्रतीकात्मक मूर्ति बनवाएं और इस मूर्ति की विधि विधान से व समर्पित रूप से पूजा करने पर लाभ अवश्य मिलेगा। वहीं प्लासटर ऑफ पेरिस, सिंथेटिक कलर, जहरीले पदार्थों से बनी मूर्तियां नॉन बायोडीग्रेडेबल होती हैं। ये पानी के साथ मिलने पर आसानी से नहीं घुलते हैं। इससे पानी में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। इसलिए जलीय जीवन को बचाने के लिए ईको फ्रेंडली मूर्तियां बनाई जाएं। ये मूर्तियां मिट्टी से बनाई जाएं।
बड़ा बाजार: इस बार साउथ के मंदिर की प्रतिकृति में विराजेंगे गणेश
बड़ा बाजार स्थित श्रीराम चौक पर इस साल बाल युवा गणेश समिति द्वारा १३ फीट की गणेश प्रतिमा स्थापित की जाएगी। पंडाल में मूर्ति आने के बाद कलर और श्रंगार का काम किया जा रहा है। समिति के सदस्य शुभम साहू ने बताया कि जबलपुर के कलाकारों द्वारा साउथ के मंदिर की प्रतिकृति का गणेश मंदिर बनाया जा रहा है। साथ ही इस वर्ष झांकी भी होगी। यहां भगवान गणेश मोर के सिंहासन पर विराजमान होंगे। खास बात यह है कि प्रतिमा पर सराफा के व्यापारियों द्वारा सोने, चांदी का श्रंृगार किया जाता है। वहीं मोहन नगर में २१ फीट के गणेश भगवान की विराजमान होंगे। यहां भगवान शंकर गणेश को हाथ में लिए हैं। सिद्धि विनायक गणेश उत्सव द्वारा यहां तैयारियां की जा रही हैं। पीपल की गली में 14 फीट पंचमुखी गणेश भगवान स्थापना होगी। ज्योतिष शास्त्रियों के मुताबिक यह अत्यंत दुर्लभ और शुभ योग करीब 120 वर्ष के बाद बनेगा। पं. केशव महाराज ने बताया कि इस दिन श्रीगणेश की मूर्ति को प्रतिष्ठापित करना अति शुभ है। इस योग में घर में बने मंदिर में भी मूर्ति स्थापित करना शुभ माना जाता है। इस नक्षत्र और वार में रिद्धि सिद्धि के दाता भगवान श्रीगणेश की स्थापना करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है।