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Gayatri Jayanti 2018 : गायत्री मंत्र का जप करने से मिलेगी हर पीड़ा से मुक्ति, ये है महत्व

गायत्री मंत्र का जप करने से मिलेगी हर पीड़ा से मुक्ति, ये है महत्व

सागरMay 23, 2018 / 03:23 pm

Samved Jain

Gayatri Jayanti 2018 : गायत्री मंत्र का जप करने से मिलेगी हर पीड़ा से मुक्ति, ये है महत्व

Gayatri Jayanti 2018 : गायत्री मंत्र का जप करने से मिलेगी हर पीड़ा से मुक्ति, ये है महत्व

सागर. नवसंवत 2075 आ गया है। ग्रहों की सरकार बदल गई है। इस बार सूर्य राजा होंगे और मंत्री होंगे शनि। पिता-पुत्र की यह जोड़ी कई प्रकार के परिवर्तनों का संकेत दे रही है। इन सब के बीच आपको गायत्री मंत्र का जप करने पर खूब लाभ मिलेगा। गायत्री मंत्र का जाप करें। गायत्री मंत्र के आगे-पीछे ऊं श्रीं ऊं लगा लें। फिर देखिए, इस मंत्र का कमाल।
दुर्गा गायत्री, लक्ष्मी गायत्री के साथ ही सूर्य गायत्री करने से बहुत लाभ होगा। यदि एक माला नहीं कर सकें तो 11-11 बार करें। सूर्य के राजा होने और लक्ष्मी जी के केंद्र में होने से यह गायत्री सभी जातकों को लाभ देंगी। पैसा बरसेगा। कष्ट दूर होंगे। प्रयास करें कि इस गायत्री जयंती तक 5100 गायत्री मंत्र जप कर लें। यदि संभव न हो तो 11-11 बार करें।
यह भी कर सकते हैं…

ऊं श्रीं ऊं

ऊं घृणि सूर्याय नम: *(या ऊं सूर्याय नम: ऊं श्रीं ऊं)

Gayatri Jayanti 2018 : गायत्री मंत्र का जप करने से मिलेगी हर पीड़ा से मुक्ति, ये है महत्व
 


गायत्री जयंती ज्येष्ठ शुक्ल दशमी (इस वर्ष रविवार, 4 जून) को है। सनातन धर्म के ग्रंथों में गायत्री मंत्र का प्रादुर्भाव ज्येष्ठ मास की शुक्ल दशमी को हुआ था। इस मंत्र के ब्रह्मर्षि विश्वामित्र दृष्टा बने। कौशिक मुनि, जो बाद में विश्वामित्र हो गए, की तपस्थली कौसानी, उन्हीं के नाम पर है। विश्व का कल्याण करने के लिए उन्होंने गायत्री मंत्र को जनमानस में फैलाया। गायत्री जयंती को कहीं-कहीं गंगा दशहरा के अगले दिन यानी ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी को भी मनाते हैं।
दिव्य मंत्र- ‘ओम भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गाे देवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात्॥Ó सनातन धर्म के मानने वाले गणेश मंत्र के बाद पूजा में इस मंत्र का उच्चारण-जाप करते ही हैं। श्रीमद्भागवत के दशम स्कन्द में लिखा है कि श्रीकृष्ण स्नान करने के बाद गायत्री मंत्र का जाप करते थे। महाकवि तुलसीदास ने रामचरित मानस में लिखा है कि विश्वामित्र ने अपने शिष्यों- राम और लक्ष्मण को इस मंत्र का रहस्य विस्तार से समझाया था।

Gayatri Jayanti 2018 : गायत्री मंत्र का जप करने से मिलेगी हर पीड़ा से मुक्ति, ये है महत्व
गायत्री संहिता के अनुसार, ‘भासते सततं लोके गायत्री त्रिगुणात्मिका॥Ó अर्थात गायत्री माता सरस्वती, लक्ष्मी एवं काली का प्रतिनिधित्व करती हैं। वह वेदमाता हैं। समस्त ज्ञान की देवी गायत्री ही हैं। कहा जाता है कि एक बार भगवान ब्रह्मा यज्ञ में शामिल होने जा रहे थे। धार्मिक कार्यों में पूर्ण फल प्राप्त करने के लिए पत्नी का साथ होना नितांत जरूरी होता है, परन्तु उस समय ब्रह्मा जी के साथ उनकी पत्नी सावित्री मौजूद नहीं थीं। तब उन्होंने देवी गायत्री से विवाह कर लिया। पद्मपुराण के सृष्टिखंड में गायत्री को ब्रह्मा की शक्ति बताने के साथ-साथ पत्नी भी कहा गया है।
Gayatri Jayanti 2018 : गायत्री मंत्र का जप करने से मिलेगी हर पीड़ा से मुक्ति, ये है महत्व
शारदा तिलक में गायत्री के स्वरूप का वर्णन करते हुए कहा गया है- गायत्री पंचमुखा हैं, ये कमल पर विराजमान होकर रत्न-हार-आभूषण धारण करती हैं। इनके दस हाथ हैं, जिनमें शंख, चक्र, कमलयुग्म, वरद, अभय, अंकुश, उज्ज्वल पात्र और रुद्राक्ष की माला आदि है। पृथ्वी पर जो मेरु नामक पर्वत है, उसकी चोटी पर इनका निवास स्थान है। सुबह, दोपहर और शाम को इनका ध्यान करना चाहिए। रुद्राक्ष की माला से ही इनका जाप करना चाहिए। शंख स्मृति के अनुसार गायत्री मंत्र के जाप से भय समाप्त हो जाता है। महाभारत के अनुसार गायत्री मंत्र से ब्रह्मदर्शन संभव है।
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